Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर स्नान-दान और ध्यान का बहुत महत्व है. असल में इसके पहले सूर्य दक्षिणायन में होते हैं, लेकिन संक्रांति के दिन जब वह उत्तरायण में होते हैं तो उनकी किरणों को आरोग्य वर्धक और पवित्र माना जाता है.
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पटनाः Makar Sankranti 2023 Snan Time: मकर संक्रांति के पर्व का आगमन हो चुका है. यह इस बार 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. हालांकि कई वर्षों तक यह 14 जनवरी को मनाई जाती रही है, लेकिन ग्रह-नक्षत्रों की खगोलीय स्थिति के बदलने के कारण इस पर्व की तिथि बदल गई है. इसलिए लगातार बीते कई वर्षों से मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है.
गंगा स्नान का है महत्व
मकर संक्रांति पर स्नान-दान और ध्यान का बहुत महत्व है. असल में इसके पहले सूर्य दक्षिणायन में होते हैं, लेकिन संक्रांति के दिन जब वह उत्तरायण में होते हैं तो उनकी किरणों को आरोग्य वर्धक और पवित्र माना जाता है. इसलिए जनमानस में यह प्रचलन में है कि इस दिन स्नान कर खुद को पवित्र कर लिया जाता है. ऐसे में मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है.इसके अलावा किसी भी नदी में गंगा मां का आह्वान करके भी स्नान किया जाता है. मकर संक्रांति पर दिन की शुरुआत गंगा स्नान या किसी भी नदी में स्नान कर के करते हैं. इस स्नान के तुरंत बाद लोग दान देते हैं ताकि उन्हें पुण्य की प्राप्ति हो सके. वहीं दान में कुछ लोग तिल, तेल तो कुछ गर्म कपड़े देते हैं.
शुभ मुहूर्त और काल
स्नान करने के लिए शुभ मुहू्र्त और काल भी निर्धारित है. संक्रांति में पुण्य काल और महापुण्य काल में स्नान किया जाना विशेष महत्व रखता है. माना जाता है कि पुण्य काल में ही देवता भी स्नान करने आते हैं. ऐसे में हर किसी को उनका सान्निध्य भी प्राप्त हो जाता है. 15 जनवरी 2023 का पुण्यकाल सुबह सवा सात बजे से है. इस समय स्नान-दान, ध्यान और आचमन का पूरा फल मिलता है. यह 100 यज्ञ करने के बराबर फल प्रदान करता है.