मंगलवार की सुबह एक बार फिर से शराबबंदी कानून को लेकर समीक्षा बैठक की गई. जिसमें यह फैसला लिया गया कि अब शराब पीने वालों से ज्यादा शराब बेचने वालों और लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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Patna: बिहार में बीते 6 सालों से शराबबंदी कानून लागू है. उसके बाद भी राज्य में लगातार शराब की तस्करी की जा रही है. इसके अलावा शराबियों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आई है. हर दूसरे दिन उत्पाद विभाग के द्वारा किसी न किसी इलाके में शराब की खेप बरामद की जाती है. इन्ही हालातों को देखते हुए मंगलवार की सुबह एक बार फिर से शराबबंदी कानून को लेकर समीक्षा बैठक की गई. जिसमें यह फैसला लिया गया कि अब शराब पीने वालों से ज्यादा शराब बेचने वालों और लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, शराबबंदी की इस समीक्षा बैठक के बाद राजनीतिक आरोप और प्रत्यारोप फिर से शुरू हो गए हैं.
अरविंद सिंह ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना
शराबबंदी की समीक्षा बैठक पर बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब तेजस्वी यादव के दबाव में काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार सीएम है लेकिन असली सीएम तेजस्वी यादव ही है. वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा है कि राज्य में राजस्व बेहद कम है. सरकारी कर्मियों को वेतन देने तक के लिए पैसा नहीं है. जिसके कारण शराबबंदी को अब कमजोर किया जा रहा है. अरविंद सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून को मजाक बना दिया है.
कुंतल कृष्ण ने किया पलटवार
बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा कि बिहार के विकास के लिए अगर जरूरत होगी तो एक बार क्या बार-बार समीक्षा होगी. बिहार के विकास के लिए जो भी उचित कदम होगा महागठबंधन की सरकार उठाएगी.
2016 में हुई थी शराबबंदी
वहीं, शराबबंदी पर बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि महागठबंधन की सरकार ने साल 2016 में शराबबंदी का कानून लागू किया था. जिसके बाद में बीजेपी सत्ता में आई तो शराबबंदी को खत्म करने के लिए तरह-तरह के करने लगी अब सत्ता से बाहर है तो एक बार फिर से बीजेपी शराबबंदी को लेकर राजनीति कर रही है.
(रिपोर्टर- रीतेश)