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पटना: Bihar News: एक तो बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने पहले ही मरीजों को हलकान कर रखा है. ऊपर से बिहार जैसे प्रदेश में पर्व-त्यौहारों के मौकों पर निजी चिकित्सालय चलाने वाले चिकित्सक भी जिस तरह से छुट्टियों में चले जाते हैं और ऊपर से जिस तरह की इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों और उसके परिजनों को चिकित्सा सेवा के लिए परेशानी उठानी पड़ती है वह किसी से छुपी नहीं हैं. सरकार के तमाम दावों के बाद भी बिहार ही नहीं कई प्रदेशों में चिकित्सा की स्थिति ऐसी ही है. ऊपर से IMA के ऐलान के बाद से ही बिहार के मरीजों की जान गले में अटक गई है.
दरअसल आईएमए ने जो कहा है उसके बाद से मरीज हड़कंप में आ गए हैं. बता दें कि पूर्णिया में डॉक्टरों पर हुए हमले के विरोध में प्रदेश भर के डॉक्टरों ने मंगलवार को हड़ताल पर रहने का फैसला किया है. बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर इस दिन कामकाज छोड़कर हड़ताल पर रहेंगे. हालांकि आपातकालीन सेवा इस दौरान भी जारी रहेगी.
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पूर्णिया में सर्जन डॉक्टर राजेश पासवान पर जानलेवा हमला होने के विरोध में IMA की तरफ से एकदिवसीय हड़ताल की घोषणा की गई है. वहीं इसके ठीक बाद 22 नवंबर को पटना में संगठन की आपात बैठक भी होनी है. जहां इस पूरे घटनाक्रम पर आगे की रणनीति किया होगी इस पर विचार किया जाएगा.
डॉक्टर राजेश पासवान की क्लीनिक में एक मरीज की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा काटा था और इसी दौरान डॉक्टर पर हमला बोल दिया था. जिसमें डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पटना में डॉक्टर का इलाज जारी है. हालांकि यह बिहार में कोई पहली घटना नहीं है. ऐसी घटना यहां कई बार दोहराई जा चुकी है. आईएमए एक्शन कमेटी के अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने इसी घटना को ध्यान में रखकर 22 नवंबर को पटना में IMA के डॉक्टरों की आपातबैठक बुलाई है.