अदालत ने सभी अधिकारियों को मकान तोड़ने के एवज में पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही है. वहीं पीड़ित परिवार का कहना है अगमकुआ थाने के दरोगा ने कहा कि अब बिहार में आरजेडी की सरकार है, अब यह सब तो होगा ही.
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पटनाः पटना के हाईकोर्ट में अगमकुआ थाना इलाके के एक जमीनी मामले में सुनवाई में हाई कोर्ट के जज संदीप कुमार द्वारा थाना के SHO और जमीन संबंधी अधिकारियों को फटकार लगाने का विडिओ वायरल हो रहा है. इस वीडियो के सामने आने के बाद पटना पुलिस की पोल खुलती नजर आ रही है. अगमकुआ थाना के जनता दरबार जमीनी मामले में बिना पूरी तहकीकात किए फैसला सुनाया और भागवत नगर इलाके के एक मकान पर बुलडोजर चला कर तुड़वा दिया.
अफसरों को अदालत ने फटकारा
इसके बाद गृह स्वामी पीड़िता संयोग देवी और उनके भतीजे बासु का रो-रो कर बुरा हाल है. पीड़ित परिवार का कहना था कि थाने के SHO और जमीन संबंधी अधिकारी ने मोटी रकम लेकर गलत फैसला सुनाया और उनके पूर्वजों की जमीन पर बुलडोजर चला कर उन्हें जमीन से बेदखल कर दिया गया. इतना ही नहीं घर का सारा सामान घर से बाहर फेंक दिया गया. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने कोर्ट का सहारा लिया. जिसमें अदालत ने संज्ञान लेते हुए जमीन तोड़ने का आदेश देने वाले अधिकारियों को फटकार लगाई और 8 दिसम्बर को अगमकुआ थाने के थानेदार और डीएसएलआर जमीन की रसीद काटने वाले और इस केस से सम्बंधित सभी लोग को उपस्थित रहने का आदेश दिया है.
पीड़ित परिवार को 5 लाख का मुआवजा
अदालत ने इसके साथ ही सभी अधिकारियों को मकान तोड़ने के एवज में पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की बात कही है. वहीं पीड़ित परिवार का कहना है अगमकुआ थाने के दरोगा ने कहा कि अब बिहार में आरजेडी की सरकार है, अब यह सब तो होगा ही. पीड़ित परिवार को 8 दिसंबर को पटना के हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार है. पीड़ित ने बताया की मामला है दो गोतिया के बीच 13 डिसमिल जमीनी को लेकर चल रहे लड़ाई का, जिसका फायदा पुलिस उठा रही है और पैसे लेकर गलत फैसला कर बुलडोजर से मकान को तोड़ा है.