गिरिराज सिंह ने कहा-पारदर्शिता से संतुष्ट होने पर जारी होगी बंगाल को लंबित मनरेगा निधि
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गिरिराज सिंह ने कहा-पारदर्शिता से संतुष्ट होने पर जारी होगी बंगाल को लंबित मनरेगा निधि

लंबित मनरेगा निधि को लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि लंबित मनरेगा निधि तब जारी की जाएगी जब केंद्र योजना के कार्यान्वयन में राज्य सरकार की 'पारदर्शिता' से संतुष्ट हो जाएगा.

 (फाइल फोटो)

Patna: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के लिए लंबित मनरेगा निधि तब जारी की जाएगी जब केंद्र योजना के कार्यान्वयन में राज्य सरकार की 'पारदर्शिता' से संतुष्ट हो जाएगा. गिरिराज सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में यह बात कही. 

 

उनसे पश्चिम बंगाल सरकार के इस आरोप के बारे में पूछा गया कि ग्रामीण विकास योजना के लिए राज्य को लगभग दो वर्ष से धन जारी नहीं किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'पश्चिम बंगाल को भुगतान तब किया जाएगा जब केंद्र योजना के कार्यान्वयन में उसकी पारदर्शिता से संतुष्ट हो जाएगा... क्या हमने बंगाल को पैसा नहीं दिया है, हम उन्हें अन्य योजनाओं के तहत पैसा दे रहे हैं.' 

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष नेताओं ने केंद्र से बकाया राशि जारी करने की मांग को लेकर दो और तीन अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया था. केंद्र का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस शासित राज्य में योजना के कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार हुआ है. दिल्ली के कृषि भवन स्थित ग्रामीण विकास मंत्रालय में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिलने तीन अक्टूबर को टीएमसी नेता भी आये थे, लेकिन यह बैठक नहीं हुई क्योंकि राज्य मंत्री ने उनसे लगभग 40 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में से कुछ प्रतिनिधियों को भेजने के लिए कहा था. टीएमसी नेताओं ने राज्य मंत्री पर उनसे मिले बिना चले जाने का आरोप लगाया था. 

गिरिराज सिंह ने साध्वी निरंजन ज्योति का बचाव करते हुए कहा, 'रात 8.30 बजे तक साध्वी निरंजन ज्योति जी बैठी थीं... वे मंत्री से मिलना नहीं चाहते थे, वे केवल इस मामले को तूल देना चाहते थे. ' 

गिरिराज सिंह ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के बारे में कहा कि इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि योजना के तहत अतिरिक्त धनराशि के लिए वित्त मंत्रालय से संपर्क किया गया है और इसे जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पिछले नौ वर्षों के दौरान कुल 2,644 करोड़ कार्य दिवस सृजित किए गए और 6.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केंद्रीय हिस्सेदारी के रूप में जारी की गई. 

(इनपुट भाषा के साथ) 

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