चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है. आचार्य पंडित धनंजय शास्त्री के इस बार 5 नवंबर को नहाय खाय मनाया जाएगा. इस दिन कद्दू औऱ भार प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.
वहीं 6 नवंबर यानी बुधवार के दिन खरना पूजन किया जाएगा. खरना के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास करते हैं और शाम में गुड़ वाली खीर और रोटी को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. वहीं इस दिन लोग एक दूसरे के घर घूम घूमकर प्रसाद भी खाते हैं.
7 नवंबर यानी गुरुवार को छठ व्रत एवं सायं कालीन डूबते हुए सूर्य को सूर्याघ्य प्रदान किया जाएगा. वहीं 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को सूर्याघ्य के साथ छठ व्रत का पारण किया जाएगा.
छठ पूजा में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रसाद बनाने के लिए चांदी, स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. इसकी जगह आप मिट्टी के चूल्हे और बर्तनों का उपयोग कर सकते हैं.
छठ पूजा में प्रसाद के रूप में ठेकुआ, खीर, चावल के लड्डू, फल और नारियल बांटे जाते हैं. प्रसाद बांटने से सबसे पहले ये सारी चीजें छठी मैया और सूर्य देव को अर्पित की जाती हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़