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Bihar News: सपना ही रह गया नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट! कर्जान ताजपुर पुल की देखिए तस्वीरें

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कर्जान ताजपुर फोरलेन पुल अपनी कई डेडलाइन मिस कर चुका है. अभी भी केवल 60 फीसदी काम हुआ है. एक और डेडलाइन करीब है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जून 2011 में कर्जान ताजपुर पुल की नींव रखी थी.

एक और डेडलाइन करीब

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एक और डेडलाइन करीब

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कर्जान ताजपुर फोरलेन पुल अपनी कई डेडलाइन मिस कर चुका है. अभी भी केवल 60 फीसदी काम हुआ है. एक और डेडलाइन करीब है. पुल निर्माण कंपनी की लापरवाही से अब जनता भी निराश हो चुकी है.

जून 2011 में कर्जान ताजपुर पुल की रखी गई थी नींव

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जून 2011 में कर्जान ताजपुर पुल की रखी गई थी नींव

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जून 2011 में कर्जान ताजपुर पुल की नींव रखी थी. उन्हें उम्मीद थी कि पुल चालू होने से उत्तर और दक्षिण बिहार की दूरी मिट जाएगी. 

यह ड्रीम प्रोजेक्ट अधिकारियों की लापरवाही से दम तोड़ता दिख रहा!

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यह ड्रीम प्रोजेक्ट अधिकारियों की लापरवाही से दम तोड़ता दिख रहा!

इस पुल के बन जाने से राजधानी पटना से समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर और वैशाली आने जाने में भी लोगों को कोई परेशानी नहीं होगी. मगर, मुख्यमंत्री का यह ड्रीम प्रोजेक्ट अधिकारियों की लापरवाही से दम तोड़ता दिख रहा है!

स्पैन एक बार फिर नंदिनी लगूनिया रेलवे स्टेशन के पास गिर गया

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स्पैन एक बार फिर नंदिनी लगूनिया रेलवे स्टेशन के पास गिर गया

अधिकारियों की सुस्ती का आलम यह है कि 5 साल पहले पिलर नंबर 1 के ऊपर स्लैप सेट करते समय गिरा लॉन्चिंग प्लेट आज तक वैसे ही पड़ा है. कुछ महीने पहले समस्तीपुर क्षेत्र में दो पिलर के बीच लगाया गया स्पैन एक बार फिर नंदिनी लगूनिया रेलवे स्टेशन के पास गिर गया. 

निर्माण की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया

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 निर्माण की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया

गिरे हुए स्पैन को छुपाने में पुल निर्माण कंपनी तो लग गई, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. प्रोजेक्ट स्थल के पास करोड़ों की मशीन जंग खाकर कबाड़ हो चुकी है. निर्माण कार्य में देरी होने से प्रोजेक्ट की लागत करीब 2 गुना बढ़ चुकी है.

प्रोजेक्ट का निर्माण पीपीपी मॉडल पर हो रहा

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प्रोजेक्ट का निर्माण पीपीपी मॉडल पर हो रहा

इस प्रोजेक्ट का निर्माण पीपीपी मॉडल पर हो रहा है, जिसमें केंद्र, बिहार सरकार और पुल निर्माण कंपनी को भी पैसा लगाना है. एक बार पैसे की तंगी के कारण नवयुग कंपनी ने पुल का निर्माण कार्य ही रोक दिया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पैसे का इंतजाम कर फिर हैदराबाद की नवयुग कंपनी को ही काम सौंप दिया.

पुल निर्माण में देरी के कारण टलते-टलते यह डेडलाइन भी निकल गई

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पुल निर्माण में देरी के कारण टलते-टलते यह डेडलाइन भी निकल गई

5.5 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन के अलावा 45 किलोमीटर एप्रोच रोड भी बन रहा है. यह पुल 2016 में ही तैयार हो जाना था. पुल निर्माण में देरी के कारण टलते-टलते यह डेडलाइन भी निकल गई. फिर 2020 और अब एक बार फिर दिसंबर 2026 तक इस डेडलाइन को बढ़ा दिया गया है.

कई बार तो स्थानीय ग्रामीणों ने भी मुआवजे की मांग

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कई बार तो स्थानीय ग्रामीणों ने भी मुआवजे की मांग

कई बार तो स्थानीय ग्रामीणों ने भी मुआवजे की मांग को लेकर पुल का निर्माण कार्य रुकवा दिया है. 1603 करोड़ की राशि अब बढ़कर 2875 करोड़ से भी अधिक हो चुकी है.