'आनंद मोहन को रिहा कर दलितों-पिछड़ों के सामने नंगे हो गए नीतीश कुमार', वैशाली पहुंचे प्रशांत किशोर का करारा वार
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'आनंद मोहन को रिहा कर दलितों-पिछड़ों के सामने नंगे हो गए नीतीश कुमार', वैशाली पहुंचे प्रशांत किशोर का करारा वार

जनसुराज यात्रा के दौरान चुनावी रणनीतिकार से राजनीतिज्ञ बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को एक बार फिर निशाने पर लिया.

प्रशांत किशोर

Prashant Kishor on Nitish Kumar: जनसुराज यात्रा के दौरान चुनावी रणनीतिकार से राजनीतिज्ञ बने प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को एक बार फिर निशाने पर लिया. वैशाली के महुआ प्रखंड के समसपुरा पंचायत में जनसुराज यात्रा के 214वें दिन उन्होंने मीडिया से संवाद के दौरान आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई पर सवाल उठाए. प्रशांत किशोर ने कहा, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने राजनेता और प्रशासक के तौर पर सरेंडर बोल दिया है. उनका अब एक ही कान्सेप्ट है- मैं मुख्यमंत्री बना रहूं और बाकी जिसको जो करना है, करे. 

पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने एक तरह से सबूत भी देते हुए कहा, ऐसा नहीं है कि आनंद मोहन के जेल से बाहर आने के समय ही नीतीश कुमार को लेकर ऐसा कहा जा रहा है. इससे पहले भी जब महागठबंधन की सरकार बनी थी तब से नीतीश कुमार ऐसे फैसले ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार में राजद की ओर से 4 ऐसे मंत्री हैं, जिनका नाम 2015 में भी राजद की ओर से मंत्री बनाने के लिए प्रस्तावित किया गया था. लेकिन उस समय उनकी दागदार छवि के चलते नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया था. वहीं आज नीतीश कुमार की ऐसी हालत हो गई है कि वो चारों मंत्री इस समय राजद कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री पद को सुशोभित कर रहे हैं और नीतीश कुमार के अगल-बगल में बैठते हैं.  

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई से एक बात तय हो जाती है कि नीतीश कुमार जाति की राजनीति करते हैं. जिसकी हत्या हुई, वो दलित समाज से था. दूसरी ओर नीतीश कुमार दलितों और पिछड़ों की राजनीति करने का दावा करते हैं. अब नीतीश कुमार उस समाज के सामने नंगे हो गए हैं. प्रशांत किशोर ने कहा, जब आपको वोट का लालच दिखता है तब आप गरीब, पिछड़ा और दलित सभी को भूल जाते हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की दलितों की राजनीति केवल अपने लाभ के लिए है. बाकी यह अपने परिवार और वोट तक ही सीमित रह जाती है.

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