Pushya Nakshatra: इस बार पुष्य नक्षत्र के मौके पर खरीददारी का महामुहूर्त 26 घंटे 48 मिनट रहेगा. इस दिन सूर्यदेव मीन राशि से निकलकर तुला में प्रवेश करेंगे. इस दिन को सूर्य की तुला सक्रांति और भी खास बना रही है
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पटनाः Pushya Nakshatra: सनातन परंपरा में मुहूर्त समय का बहुत महत्व है. अच्छे और शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य खासतौर पर फलदायी होते हैं. इसी तरह आज यानी 18 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र का महायोग है. पुष्य नक्षत्र के मुहूर्त को खास माना जाता है क्योंकि पुष्य का अर्थ ही है पोषण करना या पोषण करने वाला. इस दिन अगर जो भी खरीदारी की जाए या फिर संचित (इकट्ठा) किया जाए तो वह अक्षय हो जाता है और उसकी कमी नहीं पड़ती है. इस संबंध में एक कथा भी मिलती है कि पांडवों ने इंद्रप्रस्थ में राजसूय यज्ञ के लिए पुष्य नक्षत्र में ही तैयारी-प्रबंध किए थे. इसी के प्रभाव से द्रौपदी के पास अक्षय पात्र था. वनवास के दौरान भी पांडवों को कभी भोजन का संकट नहीं हुआ था.
ज्योतिष शास्त्र में सभी नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र को श्रेष्ठ माना जाता है. हमारे ज्योतिष शास्त्र में गणनाएं 27 नक्षत्रों के आधार पर की जाती हैं. नक्षत्रों के इसी क्रम में आठवां स्थान पुष्य नक्षत्र का होता है. पुष्य नक्षत्र को सौभाग्य, समृद्धि, सुख, सम्पदा और पोषण करने वाला माना जाता है. इस बार दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र का योग बन रहा है. अगर आप कोई सामान खरीदना चाहते हैं और यह भी चाहते हैं कि वह लंबे समय तक टिके, तो पुष्य नक्षत्र वाले दिन उसकी खरीददारी करें. पुष्य नक्षत्र की मान्यता धनतेरस के बराबर होती है. जब यह नक्षत्र धनतेरस वाले दिन होता है तब तो इसकी महत्ता कई गुना बढ़ जाती है.
ये है इस बार पुष्य नक्षत्र का महामुहूर्त
बताया जा रहा है कि इस बार पुष्य नक्षत्र के मौके पर खरीददारी का महामुहूर्त 26 घंटे 48 मिनट रहेगा. इस दिन सूर्यदेव मीन राशि से निकलकर तुला में प्रवेश करेंगे. इस दिन को सूर्य की तुला सक्रांति और भी खास बना रही है. ऐसे में सोना-चांदी, जमीन, जायदाद, घर वगैरह खरीदने पर यह काफी फलदायी साबित होगा.
इन चीजों की पूजा करना फलदायक
कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर को सुबह 5.14 बजे से अगले दिन 19 अक्टूबर को सुबह 8.02 बजे तक रहेगा. 18 अक्टूबर को पूरे दिन और रात पुष्य नक्षत्र रहेगा. इस दिन सिद्ध योग शाम 4.53 बजे तक रहेगा. इसके बाद साध्य योग लगेगा. इस दौरान बहीखाता या कलम-दवात को खरीदकर उनकी पूजा करनी चाहिए.
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