MP News: राजगढ़ में कुएं में गिरने से 3 दलित युवकों की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश, नल जल योजना पर उठे सवाल
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MP News: राजगढ़ में कुएं में गिरने से 3 दलित युवकों की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश, नल जल योजना पर उठे सवाल

इस घटना ने प्रदेश में 'नल जल योजना' की भी पोल खोल दी है. इस योजना के नाम पर शिवराज सरकार ने हाल ही में प्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली में खूब वाहवाही लूटी थी. हालांकि, इस गांव में सरकार की हर घर तक टोंटी से जल पहुंचाने की योजना तो पहुंची पर टोटिंयों से घर तक पानी नहीं पहुंचा.

कुएं में गिरने से दलित युवकों की मौत

MP News: मध्य प्रदेश के राजगढ़ से बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां के माणा गंव में कुएं में गिरने से तीन दलित युवकों की मौत हो गई. मरने वालों की उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच थी. इस घटना से शासन-प्रशासन के प्रति ग्रामीणों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है. वहीं इस घटना ने प्रदेश में 'नल जल योजना' की भी पोल खोल दी है. इस योजना के नाम पर शिवराज सरकार ने हाल ही में प्रदेश ही नहीं बल्कि दिल्ली में खूब वाहवाही लूटी थी. 'जल जीवन मिशन' के लिए केंद्र सरकार की ओर से शिवराज सरकार को खूब शाबासी मिली थी. हालांकि, इस गांव में सरकार की हर घर तक टोंटी से जल पहुंचाने की योजना तो पहुंची पर टोटिंयों से घर तक पानी नहीं पहुंचा.

हकीकत में 'नल जल योजना' के फेलियर की वजह से गांव का कुआं 3 लोगों की कब्र बन गया. बता दें कि माणा गांव में 150 के आसपास घर हैं और गांव की आबादी तकरीबन 3 हजार है. गांववालों का कहना है कि यहां हर घर तक सरकार की 'नल जल योजना' की टोटी तो पहुंची, पर पानी नहीं पहुंच रहा है. यही वजह है कि लोगों ने अपने घरों में कुआं खुदवा रखा है. अब यह कुएं लोगों के लिए कब्रगाह बन रहे हैं. 

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जी मीडिया संवाददाता प्रमोद शर्मा ने जब राजगढ़ के माणा गांव में जाकर स्थिति का जायजा लिया तो पाया कि यहां जल संकट से लोगों का बुरा हाल है. गांव तकरीबन हर घर में एक कुआं मिला. इस पर ग्रामीणों का कहना है कि गांव में पानी संकट है, इसीलिए घरों में कुआं खोदकर इनमें पानी स्टोर किया जाता है. ग्रामीणों ने 3 लोगों की मौत के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार की 'जल जीवन मिशन' योजना गांव में चल रही होती, तो 3 लोगों की मौत ना हुई होती. उन्होंने कहा कि 'जल जीवन मिशन' के तहत घरों तक नल तो पहुंचे, पर नलों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है. उन्होंने कहा कि इस योजना की नाकामी की वजह से हर घर में कुआं मिलेगा. कहीं कुएं बंद हैं, तो कहीं खुले हुए नजर आएंगे.

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रमेश ठेकेदार ने अपना भतीजा खोया है. उन्होंने कहा कि यदि गांव में पानी होता तो हमारे तीन साथी नही मरे होते. लोगों का कहना है कि सरकार की योजना ने गांव में दम तोड़ दिया है. इसीलिए लोगों को मजबूरी में मौत के साधन खोदने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह कुएं लोगों के लिए जानलेवा बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'नल जल योजना' कागजों पर दौड़ गई, लेकिन जमीन पर योजना ने दम तोड़ दिया है.

रिपोर्ट- प्रमोद शर्मा

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