Santan Prapti ke Jyotish Upay: अगर आपको संतान के सुख की प्राप्ति नहीं हो रही है. इसके बाद आपको क्या करना चाहिए इसके लिए स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के विचारों को आपको सुनना चाहिए.
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Santan Prapti ke Jyotish Upay: शादीशुदा इंसान की चाहत होती है कि उसे जल्द संतान सुख (Santan Prapti ke Jyotish Upay) की प्राति हो. उसके भी घर के आंगन में संतान की किलकारी गूंजे. वह अपने बच्चों के साथ जीवन बिताए, लेकिन किसी वजह से ऐसा नहीं हो पाता है. कुछ लोगों को संतान प्राप्ति का सुख नहीं मिल पाता है. शादीशुदा लोगों का संतान को लेकर सपना केवल सपना ही रहा जाता है. वहीं, अगर आपको संतान नहीं हो रही है तो स्वामी प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने बहुत अच्छी बात बताई है. इस विचारों को अपने जीवन में अपना कर जीवन को सार्थक बना सकते हैं. चलिए जानते हैं कि स्वामी प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने क्या कहा है.
स्वामी प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने विचार व्यक्त किया है कि जो गृहस्थ जीवन में है और पुत्र हीन है, तो उनका जीवन व्यर्थ है. ऐसा मैं नहीं कहा कहा हूं मार्कंडेय जी कह रहे हैं. गृहस्थ धर्म की सार्थकता है. चाहे पुत्र-हो या पुत्री...बस संतान होना चाहिए. अगर ऐसा नहीं है तो दोनों (पति-पत्नी) गृहस्थ धर्म छोड़कर पूजा करों. स्वामी प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने कहा कि संतान का मतलब केवल पुत्र नहीं है. बेटी भी संतान होती है. तुम भगवान की भक्ति करों तुम्हारा काम बन जाएगा.
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बता दें कि वृंदावन के स्वामी प्रेमानंद जी महाराज के विचारों से बहुत से लोग प्रभावित होते हैं. उनके बताए गए शत् मार्ग पर चलते हैं. ऐसा ही विचार वह संतान नहीं होने वाले दंपति के बारे में कहते हैं कि अगर संतान की उत्पति नहीं हो रही है, तो भगवान के भजन में अपना जीवन लगाओं. सारे पाप-दोष और अवगुण से मुक्त हो जाओगे.
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