Ambika Bhawani Mandir: प्राचीन अंबिका भवानी मंदिर कुंड से जल भरेंगे श्रद्धालु, सावन की तैयारी पूरी
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Ambika Bhawani Mandir: प्राचीन अंबिका भवानी मंदिर कुंड से जल भरेंगे श्रद्धालु, सावन की तैयारी पूरी

Sawan Ambika Bhawani Mandir: सावन के मद्देनजर, छपरा के दिघवारा प्रखंड स्थित अंबिका भवानी मंदिर में पूजा और श्रद्धालुओं के आने को लेकर सारी तैयारी हो गई है. इस मंदिर के कुंड के जल का बहुत महत्व है. श्रद्धालु सावन में यहीं से गंगा का जल लिकर गरीबनाथ, हरिहरनाथ सहित अन्य स्थानों बाबा को जल चढ़ाने जाते हैं

Ambika Bhawani Mandir: प्राचीन अंबिका भवानी मंदिर कुंड से जल भरेंगे श्रद्धालु, सावन की तैयारी पूरी

छपराः Sawan Ambika Bhawani Mandir: सावन की शुरुआत गुरुवार से हो रही है. ऐसे में महादेव और माता पार्वती व अन्य शक्तिपीठ मंदिरों में पूजन-मेला आदि की तैयारी पूरी हो गई है. बिहार राज्य जहां महादेव के कई मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है तो वहीं माता के भी कई शक्तिपीठ यहां विराजते हैं. इन्हीं पवित्र स्थलों में से एक है अंबिका भवानी मंदिर. छपरा में स्थित अंबिका भवानी मंदिर प्राचीन शक्तिपीठ के तौर पर मशहूर है. यह जिले के दिघवारा प्रखंड में स्थित है. 

मंदिरों में प्रकाश की व्यवस्था
सावन के मद्देनजर, छपरा के दिघवारा प्रखंड स्थित अंबिका भवानी मंदिर में पूजा और श्रद्धालुओं के आने को लेकर सारी तैयारी हो गई है. इस मंदिर के कुंड के जल का बहुत महत्व है. श्रद्धालु सावन में यहीं से गंगा का जल लिकर गरीबनाथ, हरिहरनाथ सहित अन्य स्थानों बाबा को जल चढ़ाने जाते हैं. इसे लेकर के सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं. लाइट की व्यवस्थाएं की गई हैं मंदिरों में प्रकाश की भरपूर व्यवस्था की गई है. घाटों पर भी लाइट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा नाव आदि भी तैयार हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं कर सके. 

यह है प्राचीन महत्ता
भीड़ को व्यवस्थित करने में जिला प्रशासन का भी सहयोग रहेगा. मंदिर समिति के लोग जगह-जगह भक्तों की सेवा में लगे रहेंगे इस तरह सभी कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं. अंबिका भवानी माता शक्ति पीठ कही जाती हैं. दंतकथा के अनुसार राजा दक्ष प्रजापति ने जब यज्ञ किया था तो सभी देवी देवताओं ने उनके यहां पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी. महादेव को इस यज्ञ में कोई स्थान न मिला देखकर उनके समक्ष माता सती ने उसी यज्ञ में अपने को समर्पित कर दिया था. वही कुंड अंबिका भवानी के नाम से जाना गया और यहां से गुजरने वाली गंगा सदैव यहां पर निवास करती हैं जिसे अंबिका कुंड के नाम से भी जाना जाता है. श्रद्धालु अभिषेक के लिए अंबिका कुंड से जल लाते हैं. 

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