Shailputri Puja: नवरात्र के पहले दिन ऐसे करें देवी शैलपुत्री की करें पूजा, पूरी होगी कामना
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1367715

Shailputri Puja: नवरात्र के पहले दिन ऐसे करें देवी शैलपुत्री की करें पूजा, पूरी होगी कामना

Navratri Shailputri Puja: नवरात्र के प्रथम दिन स्नान-ध्यान करके माता दुर्गा, भगवान गणेश, नवग्रह कुबेरादि की मूर्ति के साथ कलश स्थापन करें. कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें.

 

Shailputri Puja: नवरात्र के पहले दिन ऐसे करें देवी शैलपुत्री की करें पूजा, पूरी होगी कामना

पटनाः Navratri Shailputri Puja: नवरात्र पूजन के प्रथम दिन कलश पूजा के साथ मां शैलपुत्री जी का पूजन किया जाता है. मां शैलपुत्री दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का पुष्प धारण करती हैं. इनका वाहन वृषभ है. नवदुर्गाओं में मां शैलपुत्री का महत्व और शक्तियां अनन्त हैं. ये सहज भाव से भी पूजन करने पर शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करती हैं. शैलपुत्री का पूजन करने से ‘मूलाधार चक्र’ जागृत होता है और यहीं से योग साधना आरंभ होती है, जिससे अनेक प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती हैं. इसलिए नवरात्र के प्रथम दिन की उपासना में साधक अपने मन को ‘मूलाधार’ चक्र में स्थित करते हैं.

ऐसे सजाएं कलश
नवरात्र के प्रथम दिन स्नान-ध्यान करके माता दुर्गा, भगवान गणेश, नवग्रह कुबेरादि की मूर्ति के साथ कलश स्थापन करें. कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें. कलश स्थापन के समय अपने पूजा गृह में पूर्व के कोण की तरफ अथवा घर के आंगन से पूर्वोत्तर भाग में पृथ्वी पर सात प्रकार के अनाज रखें. संभव हो, तो नदी की रेत रखें. फिर जौ भी डालें. इसके उपरांत कलश में गंगाजल, लौंग, इलायची, पान, सुपारी, रोली, कलावा, चंदन, अक्षत, हल्दी, रुपया, पुष्पादि डालें. फिर ॐ भूम्यै नमः कहते हुए कलश को सात अनाजों सहित रेत के ऊपर स्थापित करें.

दीप पूजन करके जलाएं दीप
अब कलश में थोड़ा और जल या गंगाजल डालते हुए ॐ वरुणाय नमः कहें और जल से भर दें. इसके बाद आम का पल्लव या पीपल, बरगद, गूलर अथवा पाकड़ में से किसी भी वृक्ष का पल्लव कलश के ऊपर रखें. तत्पश्चात् जौ अथवा कच्चा चावल कटोरे में भरकर कलश के ऊपर रखें. अब उसके ऊपर चुन्नी से लिपटा हुआ नारियल रखें. हाथ में हल्दी, अक्षत पुष्प लेकर इच्छित संकल्प लें. इसके बाद ॐ दीपो ज्योतिः परब्रह्म दीपो ज्योतिर्र जनार्दनः! दीपो हरतु मे पापं पूजा दीप नमोस्तु ते. मंत्र का जाप करते दीप पूजन करें.

मां शैलपुत्री की करें पूजा
कलश पूजन के बाद नवार्ण मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे! से सभी पूजन सामग्री अर्पण करते हुए मां शैलपुत्री की पूजा करें. मनोविकारों से बचने के लिए मां शैलपुत्री को सफेद कनेर का फूल भी चढ़ा सकती हैं. 
मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता.  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

ये भी पढ़ें- Ghat Sthapana 2022: शैलपुत्री पूजा के साथ आज ही घट स्थापना, इस विधि से करें पहले दिन की आराधना

लाल पुष्प का प्रयोग उत्तम
नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री के रूप में भगवती दुर्गा दुर्गतिनाशिनी की पूजा फूल, अक्षत, रोली, चंदन से होती हैं. इस दिन माता को घी से बनी चीजें चढ़ाएं. इस उपाय से रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती हैं. मनोविकारों से बचने के लिए मां शैलपुत्री को सफेद कनेर का फूल भी चढ़ा सकते हैं. इनकी पूजा में लाल पुष्प का प्रयोग उत्तम माना गया है.

Trending news