भाजपा नेता की मौत को लेकर पटना पुलिस ने स्पष्ट किया कि नेता के मूर्छित होने के समय घटनास्थल पर ना तो कोई पुलिस कर्मी मौजूद था और ना ही उक्त स्थान पर कोई भगदड़ मची.
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Patna: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा मार्च' में हिस्सा लेने के दौरान एक भाजपा नेता की मौत को लेकर पटना पुलिस ने स्पष्ट किया कि नेता के मूर्छित होने के समय घटनास्थल पर ना तो कोई पुलिस कर्मी मौजूद था और ना ही उक्त स्थान पर कोई भगदड़ मची थी.
पुलिस ने जारी किया बयान
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया है कि जहानाबाद के पार्टी महासचिव विजय सिंह की बर्बर पुलिस लाठीचार्ज में मौत हो गई. पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजीव मिश्रा ने बृहस्पतिवार देर शाम संवाददाताओं से कहा कि अभी तक की जांच में पता चला है कि विजय सिंह डाक बंगला चौराहा नहीं पहुंचे थे और इसी बीच वहां भगदड़ की खबर मिलने के बाद वह डाकबंगला की तरफ नहीं गए.
एसएसपी ने कहा कि इस संबंध में वैज्ञानिक साक्ष्य भी एकत्र किए गए हैं. उन्होंने कहा कि विजय सिंह अपराह्न एक बजकर 23 मिनट से अपराह्न एक बजकर 28 के बीच मूर्छित हुए और उस समय के सीसीटीवी फुटेज में वहां ना तो कोई पुलिसकर्मी दिख रहा है और ना ही वहां कोई भगदड़ मची थी बल्कि यातायात भी सामान्य था.
बीजेपी नेताओं ने साधा निशाना
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया, 'बिहार पुलिस द्वारा पटना, जहानाबाद जिले में गिरफ्तार किए गए जी एस विजय कुमार सिंह की पुलिस द्वारा क्रूरतापूर्वक किए गए लाठीचार्ज में मौत हो गई.'
पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ट्वीट कर दावा किया कि पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और आक्रोश का नतीजा है . उन्होंने कहा, 'बिहार की महागठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के अपने गढ़ को बचाने के लिये लोकतंत्र पर हमला कर रही है . एक ऐसे व्यक्ति को बचाने के लिये बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता को भी भूल गये हैं जिसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है.