लॉ प्रेप पटना के छात्रों ने फिर से क्लैट परीक्षा में परचम लहराया, बिहार की तृषा बनी टॉपर
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लॉ प्रेप पटना के छात्रों ने फिर से क्लैट परीक्षा में परचम लहराया, बिहार की तृषा बनी टॉपर

CLAT 2024 : लॉ प्रेप पटना के अन्य बच्चों जिन्होंने अपनी जगह टॉप थ्री नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में बनायी वो आयुष, अभिज्ञान, श्रेष्ठ, आकांक्षा, चारवी, आयुषी, कौस्तुव, सृष्टि, अनुष्का, शिवानी, आयुष, सृजन, केशव, उमंग, जिया के साथ अन्य स्टूडेंट्स शामिल हैं.

लॉ प्रेप पटना के छात्रों ने फिर से क्लैट परीक्षा में परचम लहराया, बिहार की तृषा बनी टॉपर

CLAT 2024 : लॉ प्रेप ट्यूटोरियल की तृषा शर्मा ने ऑल इंडिया रैंक 98 व इडब्ल्यूएस रैंक आठ प्राप्त करके बिहार टॉपर बनी. तृषा मूल रूप से बिहटा पटना की रहने वाली है. तृषा की सफलता से उसकी मां काफी खुश है. तृषा अपनी पूरी तैयारी का श्रेय अपने संस्था लॉ प्रेप पटना और अभिवावक को देती है. उसने बताया कि कड़ी मेहनत करके क्लैट में सफलता प्राप्त की जा सकती है.

लॉ प्रेप ट्यूटोरियल के जय ने देशभर में आल इंडिया रैंक वन हासिल किया
अभिषेक ने बताया कि लॉ प्रेप पटना के अन्य बच्चों जिन्होंने अपनी जगह टॉप थ्री नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में बनायी वो आयुष, अभिज्ञान, श्रेष्ठ, आकांक्षा, चारवी, आयुषी, कौस्तुव, सृष्टि, अनुष्का, शिवानी, आयुष, सृजन, केशव, उमंग, जिया के साथ अन्य स्टूडेंट्स शामिल हैं. इस बार पटना लॉ प्रेप के 175 से अधिक छात्रों ने ऑल इंडिया रैंक के वरीयता सूची में अपनी जगह बनायी है. बच्चों के कामयाबी से उनके संस्थान में उत्साह का माहौल है. संस्था के को फाउंडर अभिषेक गुंजन ने बताया कि यह हमसब के लिए गौरव का पल है. सफल छात्रों ने अपनी सफलता का श्रेय लॉ प्रेप के अनुशासित शैक्षणिक परिवेश और शिक्षकों के छात्रों के प्रति समर्पण को दिया है. सफल छात्रों ने बताया कि सिलेबस की समाप्ति के बाद संस्था के ओर से टेस्ट सीरीज ने परीक्षा के डर को पूरी तरह समाप्त कर दिया था. संस्था के हिमांशु शेखर ने बताया लगातार छह वर्षों से संस्था ऑल इंडिया टॉपर देती आ रही है.

क्लैट का रिजल्ट जारी, पटना की तृषा शर्मा बनी बिहार की टॉपर
टॉपर व्यू -  बिहटा की तृषा शर्मा ने कहा कि क्लैट में बेहतर रैंक प्राप्त करना था. इसके लिए 10 से 12 घंटे की स्टडी की. करीब 100 से अधिक मॉक टेस्ट सिलेबस खत्म करने तक दिया, करंट अफेयर्स को हर रोज करती थी. कमजोर विषय पर फोकस की. संस्था के द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन की. मॉक में कभी-कभी कम स्कोर प्राप्त हुआ लेकिन कम स्कोर की बजहों को जाना और उस पर मेहनत की. कभी हार नहीं मानी. लगातार फैकल्टी का मार्गदर्शन मिल

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