Supreme court: पटना हाई कोर्ट ने नीतीश कुमार की सरकार द्वारा आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के फैसले पर रोक लगा दी थी. बिहार सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
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Patna High Court: आरक्षण का दायरा बढ़ाने के मामले में बिहार की नीतीश कुमार की सरकार को हाई कोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है. पटना हाई कोर्ट ने आरक्षण का दायरा 50 फीसद से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के नीतीश कुमार की सरकार के फैसले पर रोक लगा दी थी. बिहार की सरकार हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
जानकारी के लिए बता दें कि बिहार में वंचित वर्ग के लोगों के लिए आरक्षण की सीमा बढ़ाने का मुद्दा कई दिनों से कोर्ट में चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाने से मना कर दिया, जिसमें आरक्षण की सीमा बढ़ाने के बिहार सरकार के फैसले को रद्द किया गया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की याचिका को स्वीकार कर लिया है और सितंबर में इस मामले पर विस्तार से सुनवाई होगी.
बता दें कि बिहार सरकार ने अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST), अन्य पिछड़े वर्ग (OBC), और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन पटना हाई कोर्ट ने इस फैसले को असंवैधानिक मानते हुए इसे रद्द कर दिया था. इसके खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है और सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की गहराई से समीक्षा करेगा.
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