Bihar News : बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के दूसरे चरण में सफल हुए करीब 96 हजार शिक्षकों को आज एक ही दिन में पूरे बिहार में नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. लोगों को जानकारी के लिए बता दें कि नवनियुक्त 71 हजार शिक्षकों को जिला मुख्यालयों में प्रभारी मंत्रियों द्वारा नियुक्ति पत्र दिया गया.
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पटना: पटना में गांधी मैदान में दूसरे चरण के शिक्षक भर्ती के तहत चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटा गया. इस खास कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी उपस्थित थे. सभी को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने बताया कि बिहार ने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है. मात्र 70 दिनों में 2 लाख से अधिक नए शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है. इससे बिहार मॉडल बन रहा है कि यहां पढ़ाई करने पर ही नौकरी मिल सकती है और खेलने पर भी नौकरी का मौका हो सकता है. तेजस्वी ने 'मेडल लाओ नौकरी पाओ' योजना की सराहना की. जिसका उदाहरण बिहार में प्रस्तुत हो रहा है.
25 हजार शिक्षकों की दी गई नौकरी
पटना के गांधी मैदान में बीपीएससी के दूसरे चरण में चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा गया. इस घड़ी में वहां 25 हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के दूसरे चरण में सफल हुए करीब 96 हजार शिक्षकों को आज एक ही दिन में पूरे बिहार में नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. लोगों को जानकारी के लिए बता दें कि नवनियुक्त 71 हजार शिक्षकों को जिला मुख्यालयों में प्रभारी मंत्रियों द्वारा नियुक्ति पत्र दिया गया.
मंच पर कई मंत्री और अधिकारी रहे मौजूद
इस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के अलावा शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, मंत्री विजय चौधरी, मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव सहित कई मंत्री और अधिकारी मौजूद थे. इस समारोह में सभी ने बिहार को शिक्षा क्षेत्र में एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने के लिए इस कदम की सराहना की और बताया कि बिहार ने देश में पहला राज्य बन गया है जो मात्र तीन महीने में 2 लाख से अधिक नव नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने का कार्य किया है.
नवंबर में भी दिया गया था नियुक्ति पत्र
पिछले नवंबर महीने में भी एक लाख 20 हजार नए शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया था, जो की बीपीएससी के शिक्षक भर्ती परीक्षा के पहले चरण में सफल हुए अभ्यर्थियों को मिले थे. इससे साफ होता है कि बिहार सरकार ने सिर्फ कुशल अभ्यर्थियों को ही शिक्षा के क्षेत्र में सीधी नौकरी का मौका देने का निर्णय लिया है. इस अद्वितीय पहल के माध्यम से बिहार ने देश में पहले राज्य के रूप में उच्च शिक्षा में एक नई दिशा प्रदान की है और युवाओं को उनके शिक्षा के क्षेत्र में सफल होने की दिशा में प्रेरित किया है.
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