Benefit of Aparajita Flower Root: डॉक्टर वीके मोंगा के अनुसार आयुर्वेद में अपराजिता की जड़ का इस्तेमाल कई बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है. इसे भावना द्रव्य के रूप में प्रयोग किया जाता है और खासकर महिलाओं की समस्याओं के लिए इसका उपयोग अधिक होता है.
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Aparajita Flower Root: भारत की प्राचीन चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद ने लोगों का ध्यान धीरे-धीरे अपनी ओर आकर्षित किया है. इसका कारण यह है कि आयुर्वेद में बीमारी को केवल ठीक नहीं किया जाता, बल्कि उसकी जड़ को ढूंढकर उसका इलाज किया जाता है, जिससे स्वास्थ्य पर व्यापक लाभ होता है. हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. वीके मोंगा के अनुसार आयुर्वेद के इलाज में तत्काल राहत भले ही न मिले, लेकिन सही लाइफस्टाइल और खानपान के साथ धीरे-धीरे समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाती है. आयुर्वेद में कई जड़ी-बूटियों और मसालों का वर्णन है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं. इनमें से एक महत्वपूर्ण औषधि है अपराजिता की जड़, जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है, आइए जानें इसके लाभ.
अपराजिता की जड़ के फायदे
डॉ. वीके मोंगा के अनुसार आयुर्वेद में अपराजिता की जड़ का उपयोग कई बीमारियों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार में किया जाता है. इसे भावना द्रव्य के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और विशेषकर महिलाओं की समस्याओं में इसके प्रयोग की सिफारिश की जाती है. अपराजिता की जड़ की तासीर ठंडी होती है, जिससे यह विभिन्न समस्याओं में लाभकारी साबित होती है.
झाइयों को कम करने में
अपराजिता की जड़ झाइयों को कम करने में सहायक हो सकती है. इसके लिए जड़ को दूध के साथ मिलाकर एक लेप तैयार करें. इस लेप को झाइयों पर लगाएं और 20-30 मिनट तक रखें. फिर ताजे पानी से धो लें. नियमित रूप से इस उपाय को अपनाने से झाइयों में सुधार हो सकता है.
सफेद दाग की समस्या में
सफेद दागों की समस्या को कम करने के लिए अपराजिता की जड़ को पानी में घिसकर एक लेप बनाएं और इसे सफेद दागों पर लगाएं. इस लेप को नियमित रूप से लगाने से सफेद दागों में कमी आ सकती है.
मुंहासे और फुंसियों में
मुंहासे और फुंसियों की समस्या को कम करने के लिए अपराजिता की जड़ के पाउडर में शहद और गुलाबजल मिलाकर एक पेस्ट तैयार करें. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और 15-20 मिनट बाद धो लें. इस पेस्ट के नियमित प्रयोग से मुंहासे और फुंसियों की समस्या में सुधार हो सकता है.
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में
अपराजिता की जड़ का नियमित सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है. इसके सेवन से पाचन तंत्र को भी लाभ होता है. इससे अपच, गैस और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है. काढ़ा तैयार करने के लिए, एक कप पानी में एक चम्मच अपराजिता की जड़ का पाउडर डालकर उबालें. जब पानी अच्छी तरह उबल जाए, तो इसे छानकर दिन में एक बार पिएं.
इसके अलावा बता दें कि इस प्रकार अपराजिता की जड़ आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण औषधि है, जिसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है. इसके नियमित प्रयोग से कई समस्याओं से राहत पाई जा सकती है.
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