सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच 15 मिनट की मुलाकात, आखिर क्या हुई बात, गरमा गई बिहार की राजनीति
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सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच 15 मिनट की मुलाकात, आखिर क्या हुई बात, गरमा गई बिहार की राजनीति

Bihar News : दोपहर बाद तक यह क्लीयर हो गया कि नाराज नीतीश कुमार को मनाने के लिए फोन किए जा रहे हैं. कभी दिल्ली से फोन आ रहे तो कभी मुंबई से. उन्हें संयोजक पद दिए जाने की संभावना है और इसके लिए एक वर्चुअल मीटिंग होनी थी, जो हो नहीं पाई. उसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि वर्चुअल मीटिंग होनी है लेकिन कब होने वाली है, यह अभी नहीं कह सकते.

सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह के बीच 15 मिनट की मुलाकात, आखिर क्या हुई बात, गरमा गई बिहार की राजनीति

पटना : बिहार की राजनीति इस समय जितनी शांत दिख रही है, उतनी है नहीं. दिल्ली और मुंबई से नीतीश कुमार के पास फोन आ रहे हैं. वर्चुअल मीटिंग कैंसिल हो रही है लेकिन नीतीश कुमार ने बुधवार शाम को ललन सिंह के घर जाकर कुछ गुफ्तगू की, जिससे एक बार फिर कयासों को हवा मिल गई. दोनों नेताओं के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई, जिससे बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. नीतीश कुमार से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ललन सिंह की उनसे पहली मुलाकात है.

सुबह खबर आई थी कि नीतीश कुमार को जल्द ही इंडिया ब्लॉक का संयोजक नियुक्त किया जा सकता है और इसके लिए वर्चुअल बैठक होने वाली है. हालांकि बाद में बैठक किसी वजह से कैंसिल कर दी गई. उसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने फोन पर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव से बातचीत की. बाद में खबर आई कि इस वर्चुअल बातचीत में एनसीपी पवार गुट के नेता शरद पवार भी मौजूद थे. उसके बाद शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने जानकारी दी कि उनके नेता उद्धव ठाकरे ने भी नीतीश कुमार को फोन किया है.

दोपहर बाद तक यह क्लीयर हो गया कि नाराज नीतीश कुमार को मनाने के लिए फोन किए जा रहे हैं. कभी दिल्ली से फोन आ रहे तो कभी मुंबई से. उन्हें संयोजक पद दिए जाने की संभावना है और इसके लिए एक वर्चुअल मीटिंग होनी थी, जो हो नहीं पाई. उसके बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि वर्चुअल मीटिंग होनी है लेकिन कब होने वाली है, यह अभी नहीं कह सकते.

अब राजनीतिक जानकार सीएम नीतीश कुमार और ललन सिंह की मुलाकात का मतलब निकालने में जुटे हैं. इस मुलाकात का ब्योरा अभी पार्टी की तरफ से नहीं दिया गया है तो तुक्केबाजी भी चल रही है. हर कोई अपने हिसाब से मतलब निकाल रहा है. जब तक पार्टी की तरफ आधिकारिक बयान नहीं आ जाएगा, तब तक तुक्केबाजी और कयासबाजी का दौर चलता रहेगा.

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