एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, दागी विधायकों के मामले में बिहार का स्थान दूसरा है. प्रदेश के 67 फीसदी विधायक हैं, यानी बिहार के 242 विधायकों में से 161 विधायक दागी हैं.
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Bihar ADR Report 2023: बिहार की महागठबंधन सरकार में कानून व्यवस्था हमेशा सवालों के घेरे में रहती है. अब बिहार के विधायकों को लेकर एक रिपोर्ट जारी हुई. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी इस रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के ज्यादातर विधायक दागी हैं. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, दागी विधायकों के मामले में बिहार का स्थान दूसरा है. प्रदेश के 67 फीसदी विधायक हैं, यानी बिहार के 242 विधायकों में से 161 विधायक दागी हैं.
एडीआर ने हाल ही में 28 राज्य विधानसभाओं और दो केंद्र शासित प्रदेशों के विधायकों को लेकर ये रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में 28 राज्य विधानसभाओं और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 4,033 विधायकों में से कुल 4,001 विधायकों का विवरण शामिल है. इनमें से 1,136 (लगभग 28 प्रतिशत) विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित आरोप शामिल हैं.
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रिपोर्ट के अनुसार बिहार के 242 विधायकों में से 161 विधायक दागी हैं. देश में कुल 47 विधायक हत्याकांड में आरोपित हैं। उनमें से सर्वाधिक 17 बिहार से हैं और इसमें कांग्रेस को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख दलों के विधायक हैं. बीजेपी से एकमात्र राजू कुमार सिंह इस सूची में शामिल हैं. बिहार के 31 विधायकों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है. देश में 14 विधायक तो रेप के आरोपी हैं. अच्छी बात ये है कि बिहार का कोई विधायक इस लिस्ट में नहीं है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, दागी विधायकों में केरल पहले स्थान पर है. केरल के 135 विधायकों में से 95 विधायकों (करीब 70 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. तीसरे नंबर पर दिल्ली तो चौथे नंबर पर महाराष्ट्र है. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 70 में से 44 विधायक (63%), महाराष्ट्र में 284 में से 175 विधायक (62%), तेलंगाना में 118 विधायकों में से 72 विधायक (61%) और तमिलनाडु में 224 विधायकों में से 134 (60%) ने अपने हलफनामे में आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है.
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देश में आपराधिक छवि के सर्वाधिक 70 प्रतिशत विधायक केरल में हैं और सबसे कम 5 फीसदी नगालैंड में हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, शैक्षणिक पैमाने पर बिहार के विधायकों की स्थिति संतोषजनक है. बिहार में पांचवीं कक्षा से कम योग्यता वाले विधायकों की संख्या महज चार प्रतिशत है. हालांकि, विधायकों की शिक्षा के मामले में बिहार से उत्तर प्रदेश आगे है. झारखंड और बंगाल कमोबेश बिहार के बराबर ही हैं. सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे विधायक मणिपुर के हैं.