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Anand Mohan: बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का मामला बिहार की सियासी फिजा में गर्मी पैदा किए हुए है. एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर बिहार सरकार से आनंद मोहन की रिहाई के ऑरिजनल दस्तावेज मांग लिए हैं तो वहीं दूसरी तरफ उनकी रिहाई का भाजपा सहित कई पार्टी के नेता विरोध भी कर हैं. इस सब के बीच सहरसा में एक कार्यक्रम के मंच से आनंद मोहन ने भाजपा को कुचल देने की धमकी दे डाली.
आनंद मोहन पहले तो शुक्रवार को महिषी प्रखंड में चिरने, फाड़ने जैसे शब्द पर उतर आए और उन्होंने कह दिया कि किसी को क्यों उनकी रिहाई से छटपटाहट हो रही है वह जानते हैं, क्योंकि कमल दल वालों को भी पता है कि यह आदमी उन सबको हाथी की तरह रौंद देगा और फाड़ देगा. उन्होंने तब कहा कि वह समाजवाद के लिए लड़ते रहेंगे. उन्होंने कहा कि हमें दलित विरोध बता रहे हैं जबकि मैं दलितों के उस समय के सबसे बड़े नेता से चुनाव जीता था.
इसी कार्यक्रम में आनंद मोहन तुम ताम जैसी शब्दावली का प्रयोग करते नजर आए और अपने दबंग अंदाज में कह दिया कि वह भाजपा को पैरों तले कुचल देंगे. उन्होंने मंच से खुद को हाथी बताया. बता दें कि बिहार सरकार के द्वारा जेल कानून में बदलाव के बाद पिछले महीने ही आनंद मोहन की रिहाई हुई है और उसके बाद से भाजपा के कई नेता नीतीश सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते रहे हैं.
महिषी में आनंद मोहन तो इतना बोल गए कि वह मेरी रिहाई से खुश नहीं है. उन्हें पता है और डर भी है कि यह हाथी(आनंद मोहन) उनको पैरों तले कुचल देगा और कमल के फूल को मसल कर रख देगा. उनका दलित प्रेम भी इस दौरान छलक पड़ा और उन्होंने इसको लेकर बता दिया कि महिषी के लोग इसके गवाह हैं. उन्होंने दावा किया कि यहां मात्र 7 हजार लोग राजपूत समाज के हैं फिर भी वह 62 हजार के अंतर से चुनाव जीत चुके हैं. ऐसे मं उनको आखिर वोट किसने दिया था.
राजनीति के जानकार बता रहे हैं आनंद मोहन की तरफ से भाजपा पर इस तरह का तीखा हमला पूर्व नियोजित है. कहा तो यह भी जा रहा है कि महागठबंधन के नेताओं की तरफ से उन्हें सार्वजनिक मंचों से भाजपा के खिलाफ ऐसे तीखे हमले और बयानबाजी ज्यादा से ज्यादा करने को कहा गया है ताकि भाजपा की छवि सवर्ण मतदाताओं के बीच बिगड़े और इसका फायदा महागठबंधन को मिले. हालांकि इसमें कितनी सत्यता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन आनंद मोहन एक समय पर ऐसे ही तीखे हमले लालू यादव के खिलाफ करते रहे थे और उनका पूरा राजनीतिक करियर खत्म हो गया था.