Jharkhand News: चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड का हेडुम गांव आज भी सड़क बिजली शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से कोसो दूर है. गांव के ग्रामीण ने विधायक, सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के वादा खिलाफी से तंग आकर मूलभूत सुविधा बहाल करने को लेकर मोर्चा खोल दिए हैं.
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Jharkhand News: एक तरफ देश के 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. दूसरी तरफ झारखंड में एक गांव के लोगों ने साल 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव में वोट नहीं करने का अभी से ऐलान कर दिया है. इस गांव को लोगों का कहना है कि हम मूलभूत सुविधाओं से वंचित है तो मतदान से भी राजनीतिक दलों को वंचित करेंगे.
दरअसल, कभी नक्सलियों का जाफना कहे जाने वाले चतरा जिले के लावालौंग प्रखंड का हेडुम गांव आज भी सड़क बिजली शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं से कोसो दूर है. गांव के ग्रामीण ने विधायक, सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के वादा खिलाफी से तंग आकर मूलभूत सुविधा बहाल करने को लेकर मोर्चा खोल दिए हैं. अपनी मांगों को लेकर ग्रामीणों ने हेडूम से एक रैली निकाली और सरकार, सांसद मंत्री,विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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रैली विकास मंच के तत्वधान में निकाली गई थी. जिसका नेतृत्व बीसूत्री अध्यक्ष छठु सिंह भोक्ता कर रहे थे. इस दौरान ग्रामीणों ने हाथ में तख्तियां लेकर अपनी बात रखी. ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इस दौरान ग्रामीण बिजली नहीं तो वोट नहीं,सड़क नहीं तो वोट नहीं,स्वास्थ्य नहीं तो वोट नहीं, हेमंत सरकार हाय हाय जैसे नारे लगा रहे थे.
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ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि सरकार अगर उनकी मांग पर विचार नहीं करती है तो आने वाले 2024 के चुनाव में वोट का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे. इसका सारा जवाबदेही जिला प्रशासन, सांसद, मंत्री, विधायक और सरकार की होगी. बता दें कि गांव की सड़क का हाल बिल्कुल खस्तेहाल है. सड़क के नाम पर सिर्फ बोल्डर है. जिस सड़क पर आदमी का पैदल चलना तो दूर वाहनों का चलना भी दुश्वार है.
इस सड़क में आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है. गांव में बिजली आज तक पहुंची ही नहीं है. अस्पताल बनाया तो गया है परंतु 5, 7 वर्ष से वह उदघाटन का बाट जोह रहा है. विद्यालय हैं पर यहां शिक्षक ही नहीं हैं. बावजूद आज तक किसी मंत्री विधायक का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है. ग्रामीणों ने स्पष्ट कह दिया कि उपरोक्त मांगें पूरी नहीं हुई तो 2024 के लोक सभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.
रिपोर्ट: धर्मेन्द्र पाठक