झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिए गंभीर खतरा बन चुके हैं. बांग्लादेशी घुसपैठिओं की वजह से संथाल परगना के कई जिलों की डेमोग्राफी बड़ी तेजी से बदल रही है. यहां घुसपैठियों की आबादी बेतहाशा बढ़ रही है जिससे स्थानीय आदिवासी खतरे में पड़ चुके हैं.
Trending Photos
Babulal Marandi On NRC: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिए गंभीर खतरा बन चुके हैं. बांग्लादेशी घुसपैठिओं की वजह से संथाल परगना के कई जिलों की डेमोग्राफी बड़ी तेजी से बदल रही है. यहां घुसपैठियों की आबादी बेतहाशा बढ़ रही है जिससे स्थानीय आदिवासी खतरे में पड़ चुके हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने झारखंड सरकार से इसे रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी मांगी है. वहीं इस मुद्दे पर अब राजनीति भी शुरू हो चुकी है.
बीजेपी ने इस मुद्दे पर सोरेन सरकार को दोषी ठहराया है. बीजेपी के दिग्गज नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का आरोप है कि झारखंड की सोरेन सरकार ने वोटबैंक के लिए घुसपैठियों को बसाया है. उन्होंने कहा कि इस समस्या से सिर्फ बीजेपी की सरकार ही निपट सकती है. उन्होंने कहा कि यदि झारखंड में हमारी सरकार बनी तो संथाल में मिनी एनआरसी लागू करेंगे.
बांग्लादेशी घुसपैठ पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि 1990 के दशक में साहिबगंज जिला के डीसी द्वारा बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की गई थी. इसके पुख्ता प्रमाण भी हैं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ ना सिर्फ झारखंड बल्कि देश के लिए एक बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि झारखंड में बीजेपी की सरकार बनते ही इस चुनौती से सख्ती के साथ निपटा जाएगा और संथाल में मिनी एनआरसी लागू की जाएगी.
ये भी पढ़ें- Bihar Politics: नीतीश के 'लव-कुश' वोटबैंक पर BJP की नजर, सम्राट चौधरी के बाद RCP सिंह का कद बढ़ना तय
सोरेन सरकार को सुझाव देते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ संथाल परगना में मिनी एनआरसी करवा दे, जिससे यह तो पता चले कि संताल परगना में कब-कौन आकर बसा? बता दें कि संथाल परगना के कुछ जिले बांग्लादेश सीमा से महज 40-50 किलोमीटर की दूरी पर हैं, इसलिए बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए झारखंड में प्रवेश करना आसान रहता है. हालात ऐसे हो गए हैं कि इस इलाके में आदिवासी आबादी अब अल्पसंख्यक होती जा रही है और घुसपैठियों की आबादी तिहाई से भी अधिक हो गई है.