Bihar Flood: बिहार में बाढ़ की चपेट में आए कई जिले, CM नीतीश चिंतित, आज करेंगे हवाई सर्वे
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Bihar Flood: बिहार में बाढ़ की चपेट में आए कई जिले, CM नीतीश चिंतित, आज करेंगे हवाई सर्वे

Bihar Flood News: सीएम के दौरे को लेकर जानकारी देते हुए बगहा एसडीएम डॉ. अनुपमा सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज (8 जुलाई) हवाई मार्ग से बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का सर्वेक्षण करते हुए वाल्मीकि नगर पहुंचेंगे.

बाढ़ को लेकर सीएम नीतीश चिंतित

Bihar Flood News: नेपाल में हो रही मूसलाधार बारिश से बिहार में बहने वाली नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इससे प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है. प्रदेश में बाढ़ की आहट से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं. इसी क्रम में सीएम नीतीश आज (सोमवार, 8 जुलाई को) बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने वाले हैं. जानकारी के मुताबिक, सीएम बाढ़ प्रभावित जिलों का एरियल सर्वे करेंगे. इसके बाद वे वाल्मीकिनगर पहुंचेंगे जहां इंडो नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज का निरीक्षण करेंगे. बताया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार आज वाल्मीकि नगर में स्थित गंडक बराज नियंत्रण कक्ष का निरीक्षण करेंगे. इसके बाद जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग की टीम से बाढ़ की स्थिति और उससे निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेंगे.

बता दें कि तीन दिन पहले नेपाल के देवघाट से काली गंडकी नदी में 5 लाख 60 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके बाद वाल्मीकि नगर बैराज से साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा था. इससे कोसी और गंडक सहित कई नदियों का जलस्तर अचानक से बढ़ गया. नतीजतन बगहा, बेतिया, गोपालगंज, छपरा और मुजफ्फरपुर से होकर गुजरने वाले गंडक नदी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. यही वजह है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज दौरे पर निकले हैं और हवाई सर्वे करने वाले हैं.

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उधर कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से जिले के नवहट्टा प्रखंड के पूर्वी कोसी तटबन्ध के भीतर कई पंचायत और गांव कोसी के पानी से घिर चुके हैं, जिनमें हाटी, छतवन, रामपुर, केदली, अशय, पहाड़पुर, कठवार, गोपालपुर, बकुनिया, डरहार सहित कई गांव शामिल हैं. कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से कई घरों में भी पानी प्रवेश कर चुका है. वहीं जलस्तर बढ़ने के बाद कई एकड़ में लगी फसलें डूबकर बर्बाद हो गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रसासन की ओर से अब तक कोई राहत नहीं दी गई है और न ही सरकारी नाव की व्यवस्था की गई है. 

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