अगले महीने यानी जून में बिहार का राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर होगा. सीएम नीतीश के नेतृत्व में 12 जून को विपक्षी नेताओं का महाजुटान होगा. तो वहीं बीजेपी की ओर से भी पूरे महीने पॉलिटिकली एक्टिविटी होंगी.
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PM Modi Vs Nitish Kumar: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. अगले महीने यानी जून में बिहार का राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर होगा. सीएम नीतीश के नेतृत्व में 12 जून को विपक्षी नेताओं का महाजुटान होगा. जिसमें बीजेपी को घेरने का प्लान तैयार किया जाएगा. इस बार विपक्षी एकता का केंद्र बिंदु नीतीश कुमार हैं इसलिए बीजेपी का भी पूरा फोकस बिहार पर है. विपक्ष की तरफ से पटना में शक्ति-प्रदर्शन का प्लान है. तो बीजेपी भी अपनी ताकत दिखाने का रोडमैप तैयार कर चुकी है.
बीजेपी की ओर से प्रदेश में पूरे महीने पॉलिटिकली एक्टिविटी होंगी. पार्टी की तरफ से पीएम मोदी और अमित शाह को मैदान में उतार दिया गया है. जून में दोनों दिग्गज नेता बिहार में सक्रिय हो जाएंगे. प्रदेश में अगले महीने पीएम मोदी की जनसभा आयोजित करने की तैयारी चल रही है. वहीं शाह भी तीन से 4 बार बिहार का दौरा कर सकते हैं. इसके अलावा पार्टी के अन्य दिग्गज नेता भी 4 से 5 जनसभाओं को संबोधित कर सकते हैं. इन नेताओं में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का नाम सामने आ रहा है.
जून में बीजेपी का मेगा प्लान
प्रदेश में क्लीन स्वीप करने के लिए पार्टी इस बार हर सीट पर पीएम मोदी की जनसभा आयोजित करने का प्लान बना रही है. प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने इस बात के संकेत दिए हैं. उन्होंने मंगलवार (30 मई) को कहा कि मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के मौके पर राज्यभर में कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया गया है. इसमें केंद्रीय नेताओं को भी बुलाकर उनकी रैलियां करवाने की योजना है. उन्होंने कहा था कि जून और जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभाएं आयोजित करने का प्लान बन रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय को न्योता भेज दिया गया है. पीएम ऑफिस की तरफ से जवाब आने के बाद कार्यक्रम की जगह और तारीख भी तय कर ली जाएगी.
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विपक्षी एकता में हैं बड़े छेद
दूसरी ओर विपक्षी एकता सिर्फ फोटो सेशन तक सीमित होती दिखाई दे रही है. बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक विपक्ष में जबरदस्त टकराव देखने को मिल रही है. हालात ऐसे हो गए हैं कि जो लोग विपक्ष को जोड़ने की बात कह रहे थे, वही अब उसे तोड़ने की कोशिश करने में लगे हैं. बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के इकलौते विधायक बेरोन विश्वास को TMC में शामिल कर लिया गया है. ममता के एक दांव से ही कांग्रेस फिर से जीरो पहुंच गई है. अब टीएमसी और कांग्रेस में सुलह होती नजर नहीं आ रही है. इसी तरह से महाराष्ट्र में पुणे सीट को लेकर कांग्रेस और एनसीपी में ठनी हुई है. यूपी विधान परिषद के चुनाव में कांग्रेस के हिस्सा नहीं लेने से सपा अध्यक्ष अखिलेश नाराज हो गए हैं.