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पटना: Bihar News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित ‘जमीन के बदले नौकरी’ घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
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सूत्रों ने बताया कि राजद प्रमुख के साथ उनकी बेटी मीसा भारती भी मौजूद रहीं. वे सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजकर पांच मिनट पर ईडी कार्यालय पहुंचे थे और नौ घंटे अधिक समय तक चली पूछताछ के बाद वहां से रात आठ बजकर 50 मिनट पर अपने आवास के लिए रवाना हुए. उन्होंने बताया कि मामले के जांच अधिकारी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रसाद का बयान दर्ज किया.
सूत्रों ने बताया कि कथित घोटाले के संबंध में राजद नेता से पूछताछ करने के लिए दिल्ली से ईडी अधिकारियों की एक टीम रविवार को पटना पहुंची थी. जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘महागठबंधन’ से अलग होने के एक दिन बाद लालू प्रसाद केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश हुए. इस गठबंधन में राजद सबसे बड़ा घटक दल है.
ईडी कार्यालय में लालू को प्रवेश कराने के बाद मीसा भारती ने मीडिया से कहा, ‘जब भी कोई केंद्रीय जांच एजेंसी हमारे परिवार के किसी सदस्य को पूछताछ के लिए बुलाती है तो हम वहां जाते हैं और उनके साथ सहयोग करते हैं और उनके सभी सवालों का जवाब देते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘उनकी (लालू) स्वास्थ्य स्थिति के कारण उनके लिए अकेले जाना मुश्किल है, यही कारण है कि जब भी वह कहीं जाते हैं तो किसी को उनके साथ जाना पड़ता है. उनसे पूछताछ अभी भी जारी है.’ शाम को भारती ने मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं केंद्र ईडी और सीबीआई के माध्यम से विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहा है. इससे पहले दिन के समय, सिंगापुर में रह रहीं लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने दावा कि उनकी बहन मीसा भारती के बार-बार अनुरोध के बाद भी ईडी अधिकारियों ने राजद प्रमुख के किसी भी सहायक को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में प्रवेश करने और उनके साथ जाने की अनुमति नहीं दी.
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘सब को पता है पापा की हालात... बिना सहारे चल नहीं सकते फिर भी ईडी के अधिकारियों ने किसी भी सहायक को अपने कार्यालय में प्रवेश करने और उनके साथ जाने की अनुमति नहीं दी... अनुरोध करने के बाद भी बहन मीसा या उनके सहायक को नहीं जाने दिया.. कृपया आप लोग मेरी मदद करें.’
उन्होंने कहा,‘यह ईडी अधिकारियों द्वारा अमानवीय व्यवहार है...आपको (ईडी अधिकारियों) और आपके आका (ईडी के शीर्ष अधिकारियों) को शर्म आनी चाहिए.’ आचार्य ने पोस्ट में कहा, ‘मेरे पापा को खरोच भी आई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा. अगर मेरे पापा को आज कुछ भी हुआ तो इसके जिम्मेदार गिरगिट (नीतीश कुमार पर निशाना) के साथ साथ सीबीआई और ईडी होंगे. शेर (लालू) अकेला है, कमजोर नहीं.’
(इनपुट- भाषा)