Bihar News: नालंदा के पूर्व विधायक रहे रामनरेश सिंह की बेटी शगुन को राजनीति विरासत में मिली है. मुंबई के बिजनेसमैन फैमिली में शादी के बाद भी राजनीति से उन्होंने मुंह नहीं मोड़ा है.
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Bihar Politics: दिलों में समाजसेवा का नशा हो और लोगों के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा, तो लोगों के दिलों में जगह बनाने में देर नहीं लगती. शगुन सिंह यही कर रही हैं. नालंदा के पूर्व विधायक रहे रामनरेश सिंह की बेटी शगुन को राजनीति विरासत में मिली है. मुंबई के बिजनेसमैन फैमिली में शादी के बाद भी राजनीति से उन्होंने मुंह नहीं मोड़ा, बल्कि बाढ़ में अपने पिता की राजनीतिक जमीन को और खाद-पानी देने के लिए वे अभी क्षेत्र में समाजसेवा के काम कर रही हैं. उनके पिताजी अभी भी राजनीति और समाजसेवा के काम में सक्रिय रहते हैं. पटना के कृष्णा निकेतन और वीमेंस कॉलेज से पढ़ाई करने वाली शगुन सिंह ने राजनीति विज्ञान में ऑनर्स की डिग्री ली है.
शगुन सिंह ने कोरोना के समय में बाढ़ के लोगों के बीच जाकर व्यापक पैमाने पर काम किया. कई जगह कैंप लगाकर उन्होंने मास्क और सैनिटाइजर का वितरण करवाया. सैकड़ों गरीब और बेसहारा लोगों के लिए उन्होंने भोजन-पानी का इंतजाम किया. उस समय बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों की भी शगुन सिंह ने तरह-तरह से मदद की थी. कठिन से कठिन परिस्थिति में भी शगुन ने हार नहीं मानी और गरीबों के लिए लगातार काम करती रहीं. इसके अलावा बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में शगुन सिंह ने स्वच्छता पर भी जबर्दस्त तरीके से काम किया. 2000 में राष्ट्रीय जनता दल से जुड़ने वाली शगुन सिंह कहती हैं, राजद नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सहयोग से उन्होंने कोरोना काल में बहुत काम किए. बेसहारा लोगों के लिए भोजन के पैकेट बंटवाए. कई गरीब लड़कियों की शादी-ब्याह में भी उन्होंने मदद के हाथ आगे बढ़ाए.
शगुन की शादी मुंबई के बिजनेसमैन फैमिली में हुई, जिनका जुड़ाव आजमगढ़, यूपी से रहा है. शगुन ने शादी के बाद पर्सनल ग्रूमिंग के लिए इंडो अमेरिकन सोसायटी ज्वाइन कर ली. शगुन की सास का भी नाता बाढ़ से रहा है. इसलिए शगुन मानती हैं कि पिताजी की राजनीतिक विरासत और सास के मायके से अपनी राजनीतिक जमीन तैयार की जाए. इसी उद्देश्य से वह लगातार बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में निरंतर काम कर रही हैं. धार्मिक प्रवृति की शगुन सिंह कई मंदिरों के पुनरुद्धार के लिए काम कर चुकी हैं और वे निरंतर अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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शगुन बताती हैं कि बाढ़ के लोगों के लिए काम करने के उद्देश्य के चलते ही उन्होंने अभी तक पार्टी में कोई पद नहीं लिया है. उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार से उनके परिवार के बीच घनिष्ठ संबंध हैं. वे कहती हैं कि निर्दलीय विधायक होने के बाद भी उनके पिता रामनरेश सिंह ने कई और विधायकों के साथ मिलकर लालू प्रसाद यादव को समर्थन दिया था. शगुन को इस बात का अफसोस है कि कांग्रेस से गठबंधन के चलते उन्हें पिछली बार चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला, लेकिन वे इसे बहुत ज्यादा हावी होने देने के मूड में नहीं हैं और पूरे उल्लास के साथ अगले चुनाव की तैयारी में लगी हुई हैं.
आगे के प्लान के बारे में शगुन बताती हैं कि बाढ़ को जिला बनवाना मेरी पहली प्राथमिकता है. इसके अलावा उनका कहना है कि हमारे क्षेत्र में कॉलेजों की हालत बहुत खस्ताहाल हो गई है. किसी की बिल्डिंग खस्ताहाल में है तो कही पर टीचर ही नहीं हैं. उनकी प्रतिबद्धता है कि वे इन सब समस्याओं को दूर करने में बाढ़ के लोगों के लिए मददगार बनेंगी. शगुन सिंह भाषाई मामले में बहुत धनी हैं. बाढ़ की होने के नाते उन्हें मगही आती हैं और ससुराल मुंबई में है तो मराठी भाषा भी वे अच्छे से बोलती हैं. हिंदी और अंग्रेजी पर भी उनकी अच्छी कमांड है.
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शगुन का कहना है कि पूरी बाढ़ विधानसभा हमारी फैमिली की तरह है. वे यह भी कहती हैं कि उनके पिता रामनरेश सिंह के विधायक रहते क्षेत्र के लोगों का भरपूर प्यार उनके परिवार को मिलता रहा और उम्मीद है कि मुझे भी लोग उतना ही प्यार और स्नेह देंगे. बाढ़ के जातीय समीकरण की बात करें तो यह इलाका राजपूत बहुल है और यादव, भूमिहार और धानुकों की भी अच्छी तादाद यहां पर निवास करती है.