Bihar Politics: हरिवंश नारायण सिंह ने दूसरी बार नहीं मानी पार्टी की बात, अब क्या करेंगे नीतीश कुमार?
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar1815209

Bihar Politics: हरिवंश नारायण सिंह ने दूसरी बार नहीं मानी पार्टी की बात, अब क्या करेंगे नीतीश कुमार?

राज्यसभा से बिल पारित होते वक्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खेला हो गया. बिल को लेकर जेडीयू ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था और बिल का विरोध करने का आदेश दिया था. लेकिन नीतीश की पार्टी के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने पार्टी के व्हिप का पालन नहीं किया. 

हरिवंश नारायण सिंह

Harivansh Narayan Singh News: राज्यसभा में सोमवार (7 अगस्त) को लंबी चर्चा के बाद दिल्ली सेवा बिल पास हो गया. दिल्ली सेवा बिल के पक्ष में 131 वोट डाले गए तो इसके विरोध में विपक्षी सासंदों की ओर से सिर्फ 102 वोट पड़े. राज्यसभा से बिल पारित होते वक्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ खेला हो गया. बिल को लेकर जेडीयू ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था और बिल का विरोध करने का आदेश दिया था. लेकिन नीतीश की पार्टी के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने पार्टी के व्हिप का पालन नहीं किया. ये दूसरा मौका था जब हरिवंश नारायण सिंह ने अपनी पार्टी की बात नहीं. 

बिल पर वोटिंग के वक्त ही हरिवंश बाबू चेयर पर बैठ गए थे. इससे वो वोटिंग प्रक्रिया से बाहर हो गए थे. खास बात ये रही कि पूरी चर्चा के दौरान हरिवंश बाबू राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के साथ बैठे थे. लेकिन वोटिंग से ठीक पहले उन्होंने अपना स्थान बदल दिया. दिल्ली सेवा बिल पर जब सभी सदस्यों के सवालों का गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दे दिया तो राज्यसभा के सभापति ओमप्रकाश धनखड़ आसन छोड़ गए और उपसभापति हरिवंश वहां आसीन हो गए. उपसभापति ने ही दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग की प्रक्रिया को संपन्न कराया. सभापति के आसन पर होने के कारण वे मतदान में भाग नहीं ले पाए. इस तरह से विपक्ष का एक वोट कम हो गया था. 

ये भी पढ़ें- JDU News: दिल्ली सेवा बिल के बहाने भाजपा ने नीतीश कुमार के साथ कर दिया खेला, हरिवंश ने नहीं माना जेडीयू का व्हिप

इससे पहले जब नई संसद का उद्घाटन हो रहा था, तब जेडीयू ने उस समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया था, लेकिन राज्यसभा के उपसभापति होने के नाते हरिवंश ने इस समारोह में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. यहां तक कि उन्होंने नई संसद को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी. जेडीयू नेताओं को यह बात खल गई थी और उन्होंने हरिवंश नारायण सिंह की जमकर आलोचना की थी. पार्टी के कई नेताओं ने तो यहां तक कह दिया था कि हरिवंश बाबू ने पद के लिए पीएम मोदी के आगे अपनी पत्रकारिता को गिरवी रख दिया था. 

ये भी पढ़ें- Bihar Politics: धीरेंद्र शास्त्री को लेकर I.N.D.I.A. गठबंधन में मतभेद! RJD ने बाबा बागेश्वर के स्वागत पर कमलनाथ को घेरा

हरिवंश बाबू के इस तरह के व्यवहार से लगता है कि नीतीश कुमार के साथ बड़ा खेला होने वाला है. राजनीतिक पंडितों का तो कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हरिवंश बाबू जेडीयू का साथ छोड़ सकते हैं. इतना ही नहीं लोगों का मानना है कि बीजेपी हरिवंश बाबू के सहारे जेडीयू में बड़ी सेंधमारी कर सकती है. आने वाले वक्त में जेडीयू के कई सांसद बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. इनमें राज्यसभा के सांसद भी शामिल हो सकते हैं. उपेंद्र कुशवाहा सहित बीजेपी के कई नेता इस तरह का दावा कर चुके हैं. 

Trending news