Jharkhand Assembly Election: नेताओं के बीच जुबानी जंग! BJP और JMM आमने-सामने, जानिए क्या बोले नेता?
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Jharkhand Assembly Election: नेताओं के बीच जुबानी जंग! BJP और JMM आमने-सामने, जानिए क्या बोले नेता?

Jharkhand Vidhan Sabha Chunav: विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है. बीजेपी पर जेएमएम ने राज्य के विकास पर बाधा डालने का आरोप लगाया. इसके बाद से राज्य में चुनावी तपिश महसूस की जा सकती है, क्योंकि तमाम राजनीतिक दल झारखंड विधानसभा 2024 के रण में पूरी तरीके से कूद गए हैं. अपने पक्ष में मतदान करने के लिए प्रचार प्रसार चल रहा है.

विधानसभा चुनाव के दौरान जारी है जुबानी जंग! (File Photo)

Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में नेताओं के बीच एक दूसरे पर आरोप लगाने का दौर जारी है. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा आरोप लगाया है. वहीं, इस आरोप का बीजेपी ने भी जवाब दिया है. कांग्रेस ने भी अपना रिएक्शन दिया है. इस दौरान नेताओं के बीच जुबानी जंग देखने को मिली.

झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रत्याशी कल्पना सोरेन ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य के विकास को रोकने का आरोप लगाया. कल्पना सोरेन ने कहा कि हमने नियोजन नीति लाना चाहा, ओबीसी आरक्षण बढ़ाना चाहता, सरना धर्म कोड लाना चाहा, लेकिन बीजेपी ने हमेशा झारखंडियों की आवाज और उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम किया है.

इस पर कांग्रेस प्रवक्ता कमल ठाकुर ने कहा कि उसका परिणाम भी दिखता है और लोकसभा चुनाव में जो पांच आरक्षित सीट थी, वह बीजेपी हार गई थी. जनता जानती है कि बीजेपी हमारे साथ नहीं है. हमने तो सरना धर्म कोड और ओबीसी आरक्षण देना चाह, लेकिन उनकी मंशा ही नहीं है कि ये लोग आदिवासी को उनका हक अधिकार दें. हम लोगों ने जो योजना लागू की उसे पर यह लोग पीआईएल दाखिल करते हैं. यह लोग विकास विरोधी लोग है.

जेएमएम प्रवक्ता डॉ तनुज ने कहा कि बीजेपी झारखंडी विरोधी लोग हैं. जितने भी विधायक हो चाहे सरना धर्म कोड या ओबीसी आरक्षण हो या फिर मैया सम्मान योजना हो इस पर यह लोग पीआईएल दाखिल करने लग गए हैं. यह लोग लोगों के हक अधिकार को करने का काम करते हैं और जनता समझ चुकी है. जनता इन्हें माकूल जवाब देगी.

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वहीं, इसका जवाब देते हुए बीेजपी प्रवक्ता प्रतुल सहदेव ने कहा कि उनकी नीति ही स्पष्ट नहीं है, क्योंकि 2014 में यूपीए सरकार में ही सरना धर्म कोड को खारिज किया गया था. हम लोगों ने तो इसे पारित करके भेजा, लेकिन जिन्होंने धर्मांतरण कर लिया उन्हें इस सूची से बाहर रखना चाहिए.

रिपोर्ट: धीरज ठाकुर

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