जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने ट्वीट कर कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव के विरूद्ध सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित है. 2008 के बाद सीबीआई ने दो बार जमीन के बदले नौकरी मामले की जांच की गई थी, लेकिन तब भी कुछ नहीं मिला था.
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पटना: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव शनिवार को दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश हुए. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती से भी ईडी ने पूछताछ की. इन दोनों मामलों पर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव और मीसा भारती के विरूद्ध सीबीआई और ईडी की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित है. दरअसल, बिहार में महागठबंधन की सरकार है. जिस दिन से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की सरकार बनी है, उस दिन से सीबीआई और ईडी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी यादव के परिवार के पीछे पड़ गई है .
2024 में भाजपा मुक्त होगा भारत
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने ट्वीट कर कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव के विरूद्ध सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित है. 2008 के बाद सीबीआई ने दो बार जमीन के बदले नौकरी मामले की जांच की गई थी, लेकिन तब भी कुछ नहीं मिला था. उस समय सीबीआई ने अपनी जांच को बंद कर दिया था. इसके अलावा एक बार फिर 2014 में भाजपा की सरकार बनी और 2022 तक अर्थात् 8 वर्ष तक भी कुछ नहीं मिला. जैसे ही 9 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार और तेजस्वी की महागठबंधन सरकार बनी तो भाजप पर संकट मंडराने लगा. सरकार बनने के बाद सीबीआई फिर एक्टिव हो गई. भाजपा बदले की भावना से बौखलाहट में दवाब बनाने के लिए कार्रवाई करवा रही है. उन्होंने कहा कि अघोषित आपातकाल है, सभी संवैधानिक संस्थाएं नियंत्रण में है. यहां कुछ भी किया जा सकता है, लेकिन देश देख रहा है 2024 में भाजपा मुक्त भारत होगा.
श्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी के विरूद्ध सीबीआई की कार्रवाई दुर्भावना से प्रेरित है, 2008 के बाद सीबीआई ने दो बार ज़मीन के बदले नौकरी मामले की जांच की.....कुछ नहीं मिला तो जांच बंद कर दी गयी। फिर 2014 में बीजेपी की सरकार बनी और 2022 तक अर्थात् 8 वर्ष तक भी कुछ नहीं मिला लेकिन जैसे… pic.twitter.com/IhR8e7ExlP
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) March 25, 2023
आगामी पांच अप्रैल को होगी सुनवाई
ललन सिंह ने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार सीबीआई और ईडी के बल पर विपक्ष में बैठी पार्टियों को परेशान कर उन पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही है. जानकारी के लिए बता दें कि 14 राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में एक साथ याचिका दायर की है. साथ ही हम सब उसमें एक याचिकाकर्ता हैं. आगामी पांच अप्रैल को सुप्रीम कोर् में सुनवाई की तिथि तय की गई है.
बेबुनियाद हैं तेजस्वी पर आरोप
ललन सिंह ने अपने बयान में कहा कि जमीन के बदले नौकरी वाले मामले की जांच 2014 के बाद बंद कर दी गई थी, लेकिन कुछ दिनों से अचानक सीबीआई राबड़ी आवास पर पहुंच गई और जांच फिर शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि जनता सब कुछ देख रही है, आने वाले चुनाव में जनता हिसाब भी करेगी.