समायोजन की नीति को लेकर किसान सलाहकार लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. मानसून सत्र के तीसरे दिन किसान सलाहकार विधानसभा मार्च के लिए निकले थे. आर ब्लॉक के पास किसान सलाहकारों को पुलिस ने रोक लिया. कुछ देर तक किसान सलाहकार अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे थे.
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Bihar Kishan Shalahkar: बिहार की राजधानी पटना में इन दिनों पुलिस का एक्शन काफी देखने को मिल रहा है. मंगलवार (11 जुलाई) को पटना पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों पर लाठीचार्ज किया था, तो आज यानी बुधवार (12 जुलाई) को किसान सलाहकारों को दौड़ा-दौड़ा पीटा. दरअसल, समायोजन की नीति को लेकर किसान सलाहकार लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. मानसून सत्र के तीसरे दिन किसान सलाहकार विधानसभा मार्च के लिए निकले थे. आर ब्लॉक के पास किसान सलाहकारों को पुलिस ने रोक लिया. कुछ देर तक किसान सलाहकार अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे थे.
पुलिसकर्मी उन्हें शांत रहने की बात कर रहे थे, लेकिन किसान सलाहकार अपनी मांगों को लेकर लगातार नारेबाजी कर रहे थे. अंत में पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया. किसान सलाहकार जब विधानसभा मार्च के लिए निकले तो पुलिस ने उन्हें सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर मारा. हजारों की संख्या में पहुंचे सलाहकारों का विरोध प्रदर्शन सुबह से ही शुरू हो गया था. प्रदर्शनकारी सीधे आर-ब्लॉक पहुंच गए. उन्हें रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी. वरीय पुलिस अधिकारी माइकिंग कर किसान सलाहकारों को पीछे हटने के लिए कह रहे थे.
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जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस के द्वारा बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया गया. इसके बाद पुलिसकर्मी किसान सलाहकारों को खदेड़ दिया. SDM श्रीकांत कांडकार ने बताया कि हमें प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करना पड़ा क्योंकि उन्हें यहां से तितर-बितर करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया था. सीआरपीसी की धारा 144 लागू है, कोई भी विधानसभा के आसपास किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन नहीं कर सकता है. गर्दनीबाग धरना स्थल उसके लिए निर्धारित है. उन्हें गर्दनीबाग के लिए अनुमति दे दी गयी. फिर भी, वे बड़ी संख्या में यहां एकत्र हुए थे. सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन होने के कारण 4-5 गिरफ्तारियां भी की गई हैं. अब स्थिति सामान्य है.
रिपोर्ट- निषेद कुमार