Bihar Politics: 2019 में जेडीयू एनडीए के बैनर तले भाजपा के साथ चुनाव मैदान में थी तो राजद और कांग्रेस का अपना गठबंधन चुनाव लड़ रहा था. इस बार दोनों दल साथ हैं और उनके साथ वाम दल और कांग्रेस भी हैं. ऐसे में 2024 की लड़ाई कम से कम बिहार में तो दिलचस्प होती दिख रही है.
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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार में चाहे एनडीए (NDA) का हो या फिर महागठबंधन (Mahagathbandhan) का, सीटों का फॉर्मूला करीब-करीब क्लीयर होता दिख रहा है. एनडीए हो या महागठबंधन, सीट शेयरिंग को लेकर एक जैसी सहमति बनती दिख रही है. सोमवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की मुलाकात में सीटों के बंटवारे का एक फॉर्मूला निकाला गया. हालांकि इस बैठक में न तो कांग्रेस की ओर से कोई मौजूद था और न ही वामदलों की ओर से, लेकिन माना जा रहा है कि इसी के मुताबिक सीटों का बंटवारा होगा. उधर, बीजेपी की ओर से भी सीटों के बंटवारे को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी गई है.
लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की मुलाकात में जिन बातों पर सहमति बनी है, उनमें 15—15 सीटों पर राजद और जेडीयू चुनाव लड़ेंगे. शेष बची 10 सीटों में से 8 पर कांग्रेस तो 2 पर वामदलों को चुनाव लड़ाया जाएगा. इसी तरह विधानसभा चुनाव 2025 में 90—90 सीटों पर राजद और जेडीयू तो 43 सीटों पर कांग्रेस और 20 सीटें वाम दलों को दी जा सकती हैं. अब विपक्षी दलों के गठबंधन की मुंबई में होने वाली बैठक के दौरान कांग्रेस को इस बारे में अवगत करा दिया जाएगा. माना जा रहा है कि कांग्रेस को भी यह नागवार नहीं गुजरेगा.
2024 में यह पहली बार होगा कि राजद और जेडीयू एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले 2019 में जेडीयू एनडीए के बैनर तले भाजपा के साथ चुनाव मैदान में थी तो राजद और कांग्रेस का अपना गठबंधन चुनाव लड़ रहा था. इस बार दोनों दल साथ हैं और उनके साथ वाम दल और कांग्रेस भी हैं. ऐसे में 2024 की लड़ाई कम से कम बिहार में तो दिलचस्प होती दिख रही है.
उधर, एनडीए की बात करें तो पटना में विपक्षी दलों के गठबंधन की बैठक से पहले दिल्ली में बिहार बीजेपी नेताओं की कोर ग्रुप की बैठक में भी तय किया गया कि भाजपा राज्य में 30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटों पर अपने सहयोगी दलों को चुनाव लड़ाएगी. हालांकि उसमें भी एक या दो सीटों के लिए गुंजाइश अभी रखी गई है. बिहार बीजेपी की ओर से एनडीए में शामिल दलों के लिए जो कोटा तय किया गया है, उसके अनुसार, एनडीए के साथी दल 10 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.
लोजपा के दोनों गुटों को मिलाकर 6 सीटें दी जाएंगी. दोनों गुट जब एक साथ थे, तब उतनी ही सीटें चुनाव में जीते थे. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 3 सीटें तो जीतनराम मांझी को एक सीट दी जा सकती हैं. विकासशील इंसान पार्टी अगर एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ती है तो उसे भी एक या दो सीटों पर एडजस्ट किया जाएगा.
चिराग पासवान पिछले दिनों एनडीए में शामिल हो गए हैं पर उनके विचारों को देखकर यह नहीं लगता कि वे 3 सीटों पर राजी हो पाएंगे. हालांकि एनडीए में आने से पहले इस मसले पर भाजपा आलाकमान से उनकी बातचीत जरूर हुई होगी. 2019 के चुनाव में लोजपा के 6 सांसद जीते थे पर पशुपति कुमार पारस ने बीच में विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था और 5 सांसदों को लेकर अलग हो गए थे. बाद में मोदी सरकार में उन्हें मंत्री बना दिया गया था.
इनपुट: प्रशांत झा
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