Trending Photos
Bihar News: लोकसभा चुनाव 2024 में होना है उसके पहले 5 राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना भी तय है. ऐसे में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A के नेता दावा कर रहे थे कि NDA के पास इन चुनावों के लिए कोई मुद्दा नहीं बचा है. वह मुद्दा विहीन चुनाव प्रचार करेंगे. लेकिन, समय के साथ I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं ने ही एनडीए के हाथ में कई मुद्दे थमा दिए हैं. यानी हथियार विपक्ष का और उसी से अब भाजपा उन्हीं पर वार करने को तैयार है.
I.N.D.I.A गठबंधन के गठन के बाद से जिस तरह से सनातन धर्म के खिलाफ इस गठबंधन के नेता खुलकर बयानबाजी कर रहे हैं उससे साफ पता चल रहा है कि वह भाजपा की बनी बनाई पिच पर बैटिंग करने उतरे हैं और यहां उनके लिए खतरा ज्यादा है. सनातन को लेकर स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन, डीएमके सांसद डी राजा, कार्ति चिदंबरम, कर्नाटक के मंत्री, मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे के बयानों से पहले ही जहां गठबंधन के दल सकते में आ गए थे वहीं अब रामचरित मानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान ने रही सही कसर भी पूरी कर दी और NDA के हाथ में ब्रह्मास्त्र दे दिया.
ये भी पढ़ें- PM Vishwakarma Yojana: पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में सभी जानकारी यहां मिलेगी!
NDA की सरकार तो अपनी 10 साल की उपलब्धियों के साथ जनता के बीच होगी ही. साथ ही पीएम की आज शुरू की गई पीएम विश्वकर्मा योजना वाला हथियार के साथ विपक्ष का दिया गया उपहार स्वरूप हथियार भी I.N.D.I.A गठबंधन की मुश्किलें ज्यादा बढ़ाने वाला है. वैसे भी सनातन धर्म के खिलाफ बयानों पर करारा जवाब देने की अपने नेताओं और मंत्रियों को पीएम की नसीहत के बाद से भाजपा और NDA दलों के नेता एक्टिव हो गए हैं.
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन को डेंगू और मलेरिया बताया और इसे समाप्त करने की जरूरत बता दी तो डीएमके सांसद ए राजा एक कदम और आगे आए और उन्होंने सनातन एचआईवी बता डाला. मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियंक खरगे इन दोनों बयानों का इशारों मे समर्थन करते नजर आए. अब ऐसे में विपक्ष ने खुद ही NDA के हाथों में अपने पर प्रहार के लिए हथियार दे दिया. वहीं भाजपा के पास राम मंदिर भी हथियार के तौर पर है. भाजपा को इसका श्रेय भी जाता है. क्योंकि अदालत के फैसले के बाद इसके काम को तेजी से चलाया गया और जनवरी में राम मंदिर शायद दर्शन के लिए खुल भी जाए.
वहीं भ्रष्टाचार पर भी जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे नरेंद्र मोदी ने एजेंसियों को इसके खिलाफ कार्रवाई की खुली छूट दे रखी है. विपक्षी गठबंधन भी इसी कार्रवाई की वजह से बना है. ऐसे में विपक्षी गठबंधन के बड़ी संख्या में नेता इन एजेंसी के शिकंजे में हैं. दावा है कि इन नेताओं के खिलाफ एजेंसियों के पास सबूत भी हैं. ऐसे में यह हथियार भी विपक्ष ने ही अपने पर वार करने के लिए सरकार के हाथ में सौंपा है.
बिहार में तो वहां के शिक्षा मंत्री का लगातार रामचरित मानस को लेकर दिया जा रहा विवादित बयान लालू, नीतीश और तेजस्वी को भी असहज कर रही है. उत्तर प्रदेश में चंद्रशेखर की राह पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या चल निकले हैं. यह भाजपा और एनडीए के लिए वरदान से कम नहीं है. ऐसे में हिंदू आस्था और अस्मिता पर विपक्षी नेताओं के बयान उनके ही गले का फांस बनने वाला है. क्योंकि हिंदू जनभावना का आहत होना वोट को इधर-उधर कर सकता है.