ऑटो यूनियन संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने प्रशासन पर ऑटो चालकों और ई-रिक्शा चालकों को नाजायज सताने का आरोप लगाया है. इसी के विरोध में इस हड़ताल का आयोजन किया जा रहा है.
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Auto-E Rickshaw Driver Strike: बिहार की राजधानी पटना के लिए यह बड़े काम की खबर है. पटनावासियों को 27 अप्रैल को आने-जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. दरअसल, 27 तारीख को ऑटो यूनियन संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने राजधानी में हड़ताल करने का फैसला लिया है. हड़ताल के दौरान ऑटो और ई रिक्शा नहीं चलेंगे. यूनियन ने प्रशासन पर ऑटो चालकों और ई-रिक्शा चालकों को नाजायज सताने का आरोप लगाया है. इसी के विरोध में इस हड़ताल का आयोजन किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों से यूनियन नाराज है. दरअसल, शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए जिलाधिकारी ने तय किया था कि राजधानी पटना के कुछ तय रूटों पर ही ऑटो रिक्शा का परिचालन किया जाएगा. डीएम की ओर से निर्देश दिया गया है कि अब पटना के 8 मार्गों पर ई-रिक्शा नहीं चलेंगे, वहीं ऑटो के लिए सिर्फ 22 रूट निर्धारित किए गए हैं.
बैठक में हड़ताल करने का फैसला
इससे ऑटो चालकों और ई-रिक्शा चालकों की परेशानी काफी बढ़ गई है. राजकुमार झा की अध्यक्षता में ऑटो यूनियन संयुक्त संघर्ष मोर्चा की बैठक में हड़ताल करने का फैसला लिया गया. बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि जिला प्रशासन की ओर से पुराने परमिट को रद्द कर जो नया परमिट जारी करने की तैयारी चल रही है, उसका विरोध किया जाएगा. बैठक में संगठन से जुड़े नेताओं ने मल्टीनेशनल कंपनियों के इशारे पर ऑटो चालकों को परेशान करने का आरोप प्रशासन पर लगाया.
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पुलिस पर परेशान करने का आरोप
बैठक में कहा गया कि प्रदूषण के नाम पर भी हमारे कई डीजल ऑटो रिक्शा भाइयों का रोजगार छीन लिया गया. पुलिस की ओर से चालकों को परेशान करने का आरोप लगाया गया. कहा गया कि पुलिस की ओर से चुपके से ऑटो या ई-रिक्शा का फोटो खींचकर फर्जी चालान काट दिया जाता है. जिससे चालकों को काफी नुकसान होता है. ऑटो मेंस यूनियन के महासचिव अजय कुमार पटेल ने कहा कि प्रशासन ने हमारी बात को अनसुना कर सिर्फ परिवहन विभाग द्वारा बनाई गई योजना को लागू करने पर जोर दिया.