पटना: Bihar Politics: महाराष्ट्र में जिस तरह का सियासी बवाल आज यानी रविवार 2 जुलाई को देखने को मिला उसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी. महाराष्ट्र में शरद पवार की NCP में बड़ी टूट देखने को मिली और चाचा-भतीजे की जोड़ी टूटकर अलग हो गई. अजित पवार पार्टी के 40 विधायकों के साथ एक घंटे के अंदर विपक्ष के नेता से सीधे डिप्टी सीएम बन गए. साथ ही NCP के अजित पवार के समर्थक विधायकों में से 9 को मंत्रीमंडल में भी स्थान दे दिया गया. इसको लेकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी में विद्रोह विपक्षी एकता की पटना बैठक का परिणाम है, जिसमें राहुल गांधी को प्रोजेक्ट करने की जमीन तैयार की जा रही थी.


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सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में भी महाराष्ट्र-जैसी स्थिति बन सकती है, इसे भांप कर नीतीश कुमार ने विधायकों से अलग-अलग (वन-टू-वन) बात करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि जदयू के विधायक-सांसद न राहुल गांधी को स्वीकार करेंगे, न तेजस्वी यादव को. पार्टी में भगदड़ की आशंका है. ऐसे में नीतीश कुमार लगातार बैठक पर बैठक कर रहे हैं.



सुशील मोदी ने कहा कि जदयू पर वजूद बचाने का ऐसा संकट पहले कभी नहीं था, इसलिए नीतीश कुमार ने 13 साल में कभी विधायकों को नहीं पूछा. आज वह हरेक से अलग से मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि जदयू यदि महागठबंधन में रहा, तो टिकट बंटवारे में उसके हिस्से लोकसभा की 10 से ज्यादा सीट नहीं आएगी और कई सांसदों पर बेटिकट होने की तलवार लटकती रहेगी. यह भी विद्रोह का कारण बन सकता है.



सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने विधायकों से बिना पूछे भाजपा से गठबंधन तोड़ा, लालू प्रसाद से फिर हाथ मिलाया और बिहार में विकास की रफ्तार रोकी. इससे दल के भीतर असंतोष लगातार बढ़ता रहा है. अब वन-टू-वन बातचीत से आग बुझने वाली नहीं है.