Sanjay Jha News: राज्यसभा में जदयू सांसद संजय झा ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आज अपनी पार्टी का पक्ष रखते हुए साल 2005 में तत्कालीन केंद्र सरकार द्वारा संविधान की भावना के विपरीत किये गये कार्यों की चर्चा की. इस दौरान उन्होंने तब की यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा.
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Sanjay Jha: संसद के उच्च सदन में पहली बार दिए गए अपने स्पीच में जदयू राज्य सभा सांसद संजय झा ने विपक्ष को जमकर घेरा. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान संजय झा ने कहा कि राष्ट्रपति महोदया ने आपातकाल की चर्चा की. आपातकाल पर चर्चा के लिए बिहार सबसे बड़ा ग्राउंड है. आपातकाल के खिलाफ बिहार से सबसे बड़ा मूमेंट जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि वो तो 1975 की बात है, लेकिन 2005 में बिहार में क्या हुआ. वह आपके माध्यम से सदन को बताना चाहता हूं.
संजय झा ने राज्यसभा में अपने स्पीच के दौरान सोनिया गांधी पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2005 में केंद्र में यूपीए की सरकार की थी. बिहार में फरवरी में चुनाव हुआ और वह हंग असंबली हो गई. एक दो महीने के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बहुत सारे लोगों का समर्थन मिल गया और अगले दिन सरकार बनाने जाने वाले थे. उस समय बूटा सिंह राज्यपाल थे. रात में कैबिनेट होता है. उस वक्त राष्ट्रपति मॉस्को में थे, रात में फैक्स के जरिए कागज भेजकर साइन कराया जाता है और बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है. संजय झा ने विपक्ष पर तगड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ये इनका संविधान के प्रति प्रेम है.
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जदयू सांसद ने आगे कहा कि एक उनके लॉ मिनिस्टर हंसराज भारद्वज थे. उन्होंने कहा था कि बिहार में राष्ट्रपति शासन के लिए यूपीए सरकार ने संविधान का पालन नहीं किया. उन्होंने कहा कि तब उनके लॉ मिनिस्टर ने कहा कि बिहार में प्रेसिडेंट रूल लागू करने के लिए जजमेंट अपने फेवर में लेकर आइए. संजय झा ने सोनिया गांधी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा.
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उन्होंने कहा कि कहा कि सरकार कहां से चलता था, सारा सुपर पीएम का पावर लेकर बैठी हुई थीं. सारा डायरेक्शन वहां से होता था. वही एमपोज करवाई और आज ये लोग संविधान की बात करते हैं.