संतोष मांझी के इस्तीफे से सियासी गलियारे में भूचाल सा आ गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर हलचल तेज हो गई है.
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Bihar Politics: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के अध्यक्ष और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा देकर बिहार के राजनीतिक पारे को बढ़ा दिया. कहा जा रहा है कि जीतन राम मांझी जल्द ही महागठबंधन से भी दूरी बना लेंगे. संतोष मांझी के इस्तीफे से सियासी गलियारे में भूचाल सा आ गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर हलचल तेज हो गई है. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ललन सिंह सहित महागठबंधन दलों के तमाम नेता पहुंच चुके हैं.
अब नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है. संतोष मांझी के इस्तीफे पर उनकी पार्टी विधायक अनिल कुमार ने कहा कि मुझे मीडिया के जरिए इस्तीफे की जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि जीतनराम मांझी कई मामलों को लेकर नाराज थे. संतोष मांझी का मंत्रालय बदलने से भी नाराजगी थी. लेकिन इतनी जल्दी इस्तीफा देंगे यह नही मालूम था. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के हर फैसले के साथ हूं. नीतीश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खां ने संतोष मांझी के इस्तीफे से महागठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ने की बात कही.
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मंत्री जमा खां ने कहा कि महागठबंधन काफी बड़ा परिवार है. यहां सभी मिलकर रहते हैं, काम करते हैं. उन्होंने कहा कि जब परिवार बड़ा होता है तब कभी कुछ बात हो जाती है. उन्होंने कहा कि संतोष मांत्री के इस्तीफे से कोई महागठबंधन को कोई झटका नहीं है. हम सब एक हैं. हम सभी को देश को बचाना है. देश की लड़ाई लड़नी है. वहीं आरजेडी के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा इससे महागठबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उन्होंने मांझी को एहसान फरामोश कहते हुए कहा कि संतोष मांझी को लालू यादव ने एमएलसी बनाया. नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया. नीतीश कुमार ने इनके पिता जीतन मांझी को सीएम तक बनाया था.
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संतोष मांझी के इस्तीफे पर बीजेपी मे सीएम नीतीश की विपक्षी एकता पर तंज कसा है. बीजेपी नेता अजय आलोक ने कहा कि 23 जून को महागठबंधन की मीटिंग होनी थी. एक कहावत है सिर मुंडाते ही ओले पड़े. यह मीटिंग से पहले का सब स्वरूप निकल कर आ रहा है. अभी तो यह शुरू हुआ है जिस दिन मीटिंग होगी उस दिन और सिर फुटौव्वल होगा. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने इसके लिए तेजस्वी यादव को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार आज की तारीख में तेजस्वी यादव की गुलामी स्वीकार कर चुके हैं. तेजस्वी बिल्कुल पसंद नहीं करेंगे कि उनके साथ कोई पढ़ा लिखा युवा रहे.