NMNL: नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलने पर भड़के तेजस्वी यादव, बोले- RSS का अपना एजेंडा
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NMNL: नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलने पर भड़के तेजस्वी यादव, बोले- RSS का अपना एजेंडा

तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी के लोग तो इतिहास ही बदलना चाहते हैं. आरएसएस का अपना एजेंडा है उसको संविधान की जगह पर लागू करना चाहते हैं. ये लोग देश को तोड़ना चाहते हैं.

तेजस्वी यादव

PM Museum And Society: मोदी सरकार ने दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (Nehru Memorial Museum and Library) का नाम बदल दिया है. अब इसका नया नाम पीएम म्यूजियम एंड सोसायटी (PM Museum And Society) रखा गया है. नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलने पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है. कांग्रेस के विरोध के बाद अब बिहार के डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इसका विरोध किया है. तेजस्वी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने तो इसे तानाशाही फैसला बताते हुए संविधान के खिलाफ बता दिया. 

 

तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी के लोग तो इतिहास ही बदलना चाहते हैं. आरएसएस का अपना एजेंडा है उसको संविधान की जगह पर लागू करना चाहते हैं. ये लोग देश को तोड़ना चाहते हैं. हम लोग पहले से ही बोल रहे हैं. इसमें नया क्या है? इन लोगों को काम से कोई मतलब नहीं है. तेजस्वी ने कहा कि डायवर्सिटी इस देश की खूबसूरती है और इसको भी खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि ये लोग देश से अमन-चैन खत्म करना चाहते हैं, मतभेद पैदा करना चाहते हैं. एक दूसरे के प्रति घृणा पैदा करना चाहते हैं. 

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'नाम बदलने से कोई फायदा हुआ?'

तेजस्वी ने नाम बदलने की राजनीति पर सवाल करते हुए कहा कि पहले भी कई चीजों के नाम बदले गए, लेकिन नाम बदलने का कोई फायदा तो हुआ नहीं. उन्होंने पूछा कि नाम बदलने से क्या हो जाएगा? इसका क्या मतलब है? डिप्टी सीएम ने कहा कि कई योजनाओं का इन्होंने नाम बदल दिया और राज्यों पर इतना भार डाल दिया. पहले केंद्र और राज्य के बीच 90:10 प्रतिशत का हिस्सा था. नाम बदल दिया गया और राज्य के ऊपर 50:50 प्रतिशत का हिस्सा करके भार बढ़ा दिया गया. योजनाओं का नाम बदला है, संस्थानों का नाम बदला है. काम क्या हुआ है? इससे कोई फायदा नहीं हुआ है.

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पूर्व प्रधानमंत्रियों के बेटे ने किया समर्थन

वहीं शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के बेटे नरेश गुजराल ने मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि जब वहां 15 प्रधानमंत्रियों के काम को मान्यता दी जा रही है और संग्रहालय सभी 15 के लिए है, तो इसका नाम अब जवाहरलाल नेहरू के नाम पर कैसे रखा जा सकता है. बीजेपी सांसद और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने भी इसे जायज ठहराया. उन्होंने कहा कि ये सभी प्रधानमंत्रियों का सम्मान है, जबकि कांग्रेस ने कभी एक वंश से आगे नहीं देखा. कांग्रेस के उस शाही खानदान ने उन प्रधानमंत्रियों का अपमान किया है जो उनके वंश के नहीं हैं.

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