Garhwa: हाय रे सिस्टम! दर्द से कराह रही गर्भवती ने सड़क पर बच्चे को दिया जन्म
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Garhwa: हाय रे सिस्टम! दर्द से कराह रही गर्भवती ने सड़क पर बच्चे को दिया जन्म

Garhwa Samachar: सरकारी सिस्टम और आसपास के लोगों ने भी महिला की किसी तरह की मदद नहीं की, जिसके बाद उसने परिजनों की मदद से सड़क पर एक बच्चे को जन्म दिया और बाद में सहिया नर्स ने आकार उसको संभाला. 

दर्द से कराह रही गर्भवती ने सड़क पर बच्चे को दिया जन्म. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Garhwa: गढ़वा के खरौंधी प्रखंड में समाज और इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है. यहां प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया. दरअसल, यहां गर्भवती महिला के साथ अस्पताल ने सौतले व्यवहार किया और वहां से उसे दुत्कार कर भगा दिया. इतना ही नहीं, सरकारी सिस्टम और आसपास के लोगों ने भी महिला की किसी तरह की मदद नहीं की, जिसके बाद उसने परिजनों की मदद से सड़क पर एक बच्चे को जन्म दिया और बाद में सहिया नर्स ने आकार उसको संभाला. 

  1. प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया.
  2. गर्भवती महिला के साथ अस्पताल ने सौतले व्यवहार किया और वहां से उसे दुत्कार कर भगा दिया.
  3. सिविल सर्जन ने कार्रवाई की बात कही.

गर्भवती की हालत पर किसी को नहीं आया तरस
जानकारी के अनुसार, गढ़वा जिला के खरौंधी प्रखंड मुख्यालय में प्रसव पीड़ा से तड़पती मंजू देवी पास के कादरी अस्पताल पहुंची थी. यहां पैसे नहीं होने की वजह से महिला को दुत्कार कर भगा दिया. महिला दर्द से कराहती पैदल ही सरकारी अस्पताल का रुख किया, लेकिन महिला की हालत पर किसी को तरस नहीं आया और ना ही किसी ने मदद की कोशिश की.

सड़क पर बच्चे को दिया जन्म
इसके बाद बीच सड़क में वो बेहोश होकर गिर पड़ी. इस दौरान परिजनों की मदद से वहीं पर उसका प्रसव हुआ. जिसमें उसने एक बच्चे को जन्म दिया. हालांकि, अभी जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. दरअसल, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिला की मड़िहान गांव की मंजू देवी अपने पति और परिवार वालों के साथ कुछ दिन पहले खरौंधी आई थी. वह वहां पर पीपल पेड़ के नीचे अस्थाई झोपड़ी बनाकर अपने परिवार के साथ रह रही थी. 

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अस्पताल ने महिला को भगाया 
इनका काम घूम-घूम कर जड़ी-बूटी की दवा और दर्द का तेल बेचना था. गर्भवती मंजू को इसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. इसके बाद उसके परिजन उसे लेकर पास के सरकारी मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल कादरी हॉस्पिटल में गए. इनके पास पैसे नहीं थे, पर अस्पताल में इलाज के लिए विनती करने के बाद भी उसे वहां से भगा दिया. इतना ही नहीं अस्पताल के साथ-साथ किसी ने भी उस महिला की मदद नहीं की. ना ममता वाहन को बुलाया गया और ना ही किसी ने सहिया या नर्स को खबर दी. 

इसके बाद अस्पताल से निकलने के बाद बिना किसी मदद के वो पैदल ही सरकारी अस्पताल के निकल गई. इस दौरान वो सड़क पर गिर पड़ा. परिजनों की मदद से खुली सड़क किनारे उसका प्रसव हुआ, जिसमें उसने एक बच्चे को जन्म दिया. इसके बाद सरकारी सिस्टम सामने आया, सहिया आई, ममता वाहन में सवार नर्स आई. इतना होने के बाद भी महिला को अस्पताल में भर्ती करने के बजाए उसे इंजेक्शन देकर वापस घर भेज दिया गया.

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'दोषियों पर होगी कार्रवाई'
वहीं, अस्पताल में इलाज नहीं कर वहां से भगा देने की बात पूछे जाने पर जिले के सिविल सर्जन ने कहा कि यह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है. इस मामले मैं स्वयं जांच करूंगा और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

(इनपुट-चंदन कश्यप)