आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि हमारी पार्टी और नेता किसी ने भी सवर्ण आरक्षण का विरोध नहीं किया है.
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नई दिल्लीः सवर्ण आरक्षण को लेकर सियासी बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. संसद से सवर्ण आरक्षण का बिल पास होने के बाद अब राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी है. वहीं, देश के कई राज्यों में इसे लागू भी किया जा रहा है. वहीं, संसद में सवर्ण आरक्षण का जोर शोर से विरोध करने वाली आरजेडी पार्टी अब सवर्ण आरक्षण के पक्ष में बोल रही है.
लोकसभा चुनाव सामने है ऐसे में वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए राजनेता कहीं भी किसी तरह का बयान दे रहे हैं. जहां उनकी ही पार्टी किसी बात का विरोध करती है तो वहीं, दूसरे राजनेता वोट की खातिर लिपा पोती का काम कर रही है. अब इस काम में आरजेडी भी लग गई है.
एक तरफ संसद में सवर्ण आरक्षण को लेकर आरजेडी विरोध जता रही थी. यहां तक की सवर्ण आरक्षण को आरजेडी ने झुन-झुना करार दिया था. राज्यसभा में सांसद मनोज झा ने इसे पारित नहीं करने की वकालत की थी. लेकिन अब खुद आरजेडी के नेता सवर्ण आरक्षण को सही बता रहे हैं.
आरजेडी ने पहले सवर्ण आरक्षण का विरोध कर दलितों को अपने पाले में करने की कोशिश की. अब सवर्ण आरक्षण को सही बताते हुए नाराज सवर्ण वोटरों को समझाने में लगी है.
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा है कि हमारी पार्टी और नेता किसी ने भी सवर्ण आरक्षण का विरोध नहीं किया है. बल्कि इसके अंदर जो बातें कही गई है उसका विरोध किया है. उन्होंने कहा कि लालू यादव भी सवर्ण आरक्षण का विरोध नहीं किया है. उन्होंने कहा है कि जो बातें आरक्षण के कानून में की गई है आरजेडी उसका विरोध कर रहा है.
रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि सवर्ण आरक्षण में जो 8 लाख आमद वाले लोगों को रखा गया है आरजेडी उसका विरोध कर रही है. जो लोग टैक्स दे रहे हैं. उन्हें किस तरह से आरक्षण देने की बात कही जा रही है. इसलिए आरजेडी सवर्ण आरक्षण का विरोध नहीं कर रही है बल्कि कानून की अंदर जो बातें कही गई है उसका विरोध कर रही है.
बहरहाल, बीजेपी द्वारा सवर्ण कार्ड ने विपक्षी दलों की नींद उड़ा रखी है. वहीं, आरजेडी अपनी परंपरागत वोटरों को कायम रखने के लिए पहले सवर्ण आरक्षण का विरोध किया. वहीं, अब महागठबंधन के लिए सवर्ण वोटरों की नाराजगी दूर करने की कोशिश में लगी है.