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खूंटी:Jharkahnd News: झारखंड के जनजातीय बहुल इलाकों में कई सालों से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे 501 जोड़ियों का सामूहिक विवाह करके उनके रिश्ते को मजबूत किया गया. खूंटी जिले के कर्रा प्रखंड अंतर्गत चौला पतरा गांव में इस सामूहिक विवाह का आयोजन हुआ. इस मौके पर भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा और उनकी धर्मपत्नी मीरा मुंडा भी मुख्य अतिथि के तौर पर शिमिल हुए. इस सामुहिक विवाह में जिन जोड़ियों की शादी हुई उसमें 20 से लेकर 70 साल तक के उम्र के लोग शामिल थे.
वहीं इस सामुहिक विवाह में शादी करने वाले कई जोड़े तो अभ माता-पिता भी बन चुके हैं. ऐसे में उनकी शादी के गवाह उनके बच्चे भई बने. बता दें कि झारखंड के जनजातीय इलाकों में लिव-इन के इस रिश्ते को ढुकु के नाम से जाना जाता हैं. ऐसी जोड़ियां बरसों-बरस एक छत के नीचे साथ रहने के बाद भी अपने रिश्ते को शादी का नाम नहीं दे पाती हैं. ढुकु परंपरा के पीछे के पीछे सबसे बड़ी वजह आर्थिक मजबूरी बताई जाती है. दरअसल, आदिवासी समाज में यह परपंरा है कि शादी के समय में पूरे गांव के लिए भोज का आयोजन किया जाता है. वहीं भोज के लिए मीट-चावल के साथ साथ पेय पदार्थ हड़िया का भी इंतजाम करना होता है.
कई बार गरीबी की वजह से लोग ये व्यवस्था नहीं कर पाते और इसके चलके बिना शादी किए ही साथ में रहने लगते हैं. ऐसी कई जोड़ियों की कई संतानें भी हैं, मगर समाजिक मान्यताओं के अनुसार शादी न होने के चलते इन संतानों को जमीन-जायदाद पर उनका अधिकार नहीं मिल पाता. इन जोड़ियों के बच्चों को पिता का भी नाम नहीं मिल पाता है. आदिवासी समाज ऐसी महिलाओं को सिंदूर लगाने की भी परमिशन नहीं देता है. जिसके बाद ऐसी जोड़ियों को उनका हक दिलाने का अभियान तेज हुआ है. खूंटी में आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि वैवाहिक बंधन में बंधने वालों को जोड़ियों को अब उनका हक मिलेगा. ऐसा होने से संपत्ति सहित अन्य पारिवारिक मामलों में इन जोड़ों को उनका कानूनी हक मिल सकेगा. केंद्रीय मंत्री ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार को हमेशा इसकी चिंता रहती है कि ऐसे जोड़ों का भविष्य सुखमय हो.