संदेशखाली घटना की जांच के लिए BJP ने किया उच्च स्तरीय समिति का गठन, कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को बनाया मंत्री संयोजक
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संदेशखाली घटना की जांच के लिए BJP ने किया उच्च स्तरीय समिति का गठन, कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी को बनाया मंत्री संयोजक

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में संदेशखाली हिंसा मामले की भाजपा की उच्च स्तरीय कमेटी जांच करेगी.

कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी (file Photo)

कोडरमा: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में संदेशखाली हिंसा मामले की भाजपा की उच्च स्तरीय कमेटी जांच करेगी. उच्च स्तरीय जांच कमेटी में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी को मंत्री संयोजक बनाया गया है और मंत्री प्रतिमा भौमिक, सांसद संगीता दुग्गल, सांसद कविता पाटीदार, सांसद संगीता यादव और राज्यसभा सांसद बृजलाल को कमिटी के सदस्य बनाए गए हैं. यह कमेटी संदेशखाली हिंसा की जांच करेगी और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनका हाल-चाल जानेगी. 

इससे पहले बीजेपी ने बताया था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संदेशखाली घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, प्रतिमा भौमिक, बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदार, संगीता यादव और बृजलाल घटना स्थल पर जाकर स्थिति का जायजा लेंगे, पीड़ितों से बात करेंगे और अपनी रिपोर्ट जेपी नड्डा को सौंपेंगे.

घटना के बाद पीड़ित महिलाओं का हाल चाल जानने पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार के साथ भी पुलिस की झड़प हुई जिसमें वे घायल हो गए है. जिसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अन्नपूर्णा देवी की अगुवाई में उच्च स्तरीय कमिटी के गठन किया. इस मामले पर मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने घटना को दुःखद बताते हुए उसकी निंदा की और बंगाल सरकार पर जमकर निशाना साधा. 

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के राज में टीएमसी के गुंडो को गुंडागर्दी करने की खुली छूट मिली हुई है और महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद बंगाल में महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके साथ कमेटी के सभी सदस्य कल घटनास्थल जाएंगे और पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी वस्तु स्थिति का जायजा लिया जाएगा. साथ ही इसकी रिपोर्ट जल्द ही राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप जाएगी.

इसी बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य अंजू बाला ने कहा, "सीएम ममता बनर्जी कुछ भी बताना नहीं चाहतीं, महिलाओं पर अत्याचार की FIR दर्ज नहीं करतीं. देश उन्हें माफ नहीं करेगा. हम चाहते हैं कि संदेशखाली में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए क्योंकि यहां लोग बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं."

(इनपुट गजेंद्र सिन्हा)

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