झारखंड विधानसभा के 22 वें स्थापना दिवस के मौके पर 'केंद्र-राज्य संबंधों' पर हुई चर्चा
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झारखंड विधानसभा के 22 वें स्थापना दिवस के मौके पर 'केंद्र-राज्य संबंधों' पर हुई चर्चा

झारखंड विधानसभा के 22 वें स्थापना दिवस के मौके पर झारखंड विधानसभा में ''केंद्र-राज्य संबंधों'' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. 

झारखंड विधानसभा के 22 वें स्थापना दिवस के मौके पर 'केंद्र-राज्य संबंधों' पर हुई चर्चा

Ranchi: झारखंड विधानसभा के 22 वें स्थापना दिवस के मौके पर झारखंड विधानसभा में ''केंद्र-राज्य संबंधों'' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया.  जिसमें विधानसभा अध्यक्ष रबिंद्र नाथ महतो, विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी, विधायक स्टीफन मरांडी समेत देश भर से आए विशेषज्ञ शामिल हुए. हाल के दिनों में केंद्र और राज्य के बीच के संबंधों पर चर्चा हुई. केंद्र और राज्य के बीच बढ़ती दूरी और बेहतर संबंधों के फायदे पर चर्चा हुई. केंद्र और राज्यों के बीच संबंध बड़ा ही अनोखा है. 

केंद्र-राज्य का लक्ष्य है जनता की सेवा करना
इस मौके पर प्रोफेसर ए लक्ष्मीनाथ ने कहा ,देश के बारे में सोचना होगा.  छोटे-छोटे इश्यू पर राज्य और केंद्र को आपस में समझौता करना होगा. जब राज्य मजबूत रहेगा तभी देश मजबूत रहेगा ,आपस में झगड़ा और विवाद रहेगा तो कोई भी चीज आसान नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हाल के दिनों की बात करें तो कहीं न कहीं बेसिक समझ की कमी है,  लेकिन संविधान क्या कहता है इसके बारे में सभी को जानने और समझने की जरूरत है. सभी को मिल कर काम करना होगा तभी राज्य का विकास संभव है.  उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्य का संबंध सभी के लिए ही हैं और दोनों का लक्ष्य जनता की सेवा करना है. 

केंद्र राज्य को तालमेल बैठाने की है जरूरत
वहीं, प्रोफेसर डॉक्टर दिलीप,  जो की महाराष्ट्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, मुम्बई के वी.सी हैं. उन्होंने कहा कि एक ही पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार होती थी. उसके बाद दोनों अलग अलग क्षेत्रीय पार्टियां अपने अपने राज्यों में बढ़ने लगी. केंद्र में भी मिली जुली सरकार बनने लगी. हालांकि धीरे धीरे कुछ क्षेत्रीय पार्टियां अपने राज्य में मजबूत होने लगी. जिसके कारण केंद्र और राज्य के बीच टकराव शुरू हो गया. वहीं, दोनों में राजनीतिक संबंधों और अलग विचारधाराओं के चलते टकराव के हालात बनने लगे. जिसके चलते दोनों के बीच संबंधों में मतभेद होने लगा. उन्होंने कहा कि दोनों के बीच तालमेल बैठना जरूरी है. देश और राज्य के भविष्य के लिए आर्थिक तौर पर सक्षम होने के लिए दोनों को साथ मिलकर काम करना चाहिए. 

 जे एम एम विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा, केंद्र और राज्य बीच संयुक्त ढांचे का संबंध जिस प्रकार होना चाहिए, वैसा दिखाई नहीं देता है. गैर केंद्र शासित सरकारों के साथ अच्छा सलूक नहीं होता है, जो कि काफी दुखद है और इसका नुकसान भी राज्य को हो रहा है. 

लोगों को केंद्र-राज्य के अधिकारों को समझना होगा
बीजेपी विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा, केंद्र और राज्य के बीच सुधार होना बहुत जरूरी है. अगर दोनों के रिश्तों में सुधार नहीं होगा तो विकास संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि केंद्र के आदेश को राज्य को मानना होगा और मिल जुल कर ही विकास संभव है. राज्य और केंद्र के बीच स्वतंत्र संबंध है ,और लोगों को समझना होगा केंद्र के क्या अधिकार हैं और राज्य के क्या अधिकार हैं. 

(रिपोर्टर-कुमार चंदन)

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