मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के साथ अहम बैठक की.
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Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव के साथ अहम बैठक की. इस बैठक में उन्होंने कोरोना संक्रमण को लेकर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि चिकित्सा सहायता योजना को कोविड-19 के हिसाब से पुनरीक्षित किया जाएगा, ताकि कोरोना संक्रमितों को भी इस योजना का लाभ मिल सके. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.
कोराना सिर्फ महामारी नहीं है, यह लोगों को भावनात्मक और आर्थिक चोट दे रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना सिर्फ बीमारी के रूप में सामने नहीं आया है. इसके संक्रमण से लगभग हर तबका प्रभावित है. कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में कोरोना लोगों को भावनात्मक और आर्थिक चोट भी दे रहा है. ऐसी परिस्थितियों से प्रभावित लोगों को कैसे उबारा जाए. इसपर सरकार का विशेष जोर है. ऐसे में ऐसी कोई भी योजना बनाएं तो उसका फायदा सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भी मिलना चाहिए. उन्होंने विभागीय प्रधानों से कहा कि अगर किसी तरह की शिकायत आती है तो वे इस पर स्वतः संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई करें, ताकि राज्यवासियों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत दी जा सके.
संक्रमितों की प्रोफाइलिंग हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. शहरों में तो काफी हद तक इसकी जानकारी सरकार को मिल जाती है, लेकिन गांवों में संक्रमितों का आंकड़ा नहीं उपलब्ध हो रहा है. इससे गांवों में भी संक्रमण तेजी से फैल रहा है. उन्होंने विभागीय प्रधानों से कहा कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना से संक्रमित लोगों और उस वजह से जान गंवाने वालों लोगों की प्रोफाइल तैयार की जाए, ताकि यह पता चल सके कि वहां कोरोना किस रूप में किस तरह से लोगों को संक्रमित कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि गांवों में अगर कोरोना से किसी की मौत होती है तो उसके परिजनों का कोविड टेस्ट कराना सुनिश्चित किया जाए.
मुख्यमंत्री सेल में दें सुझाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर हर चीज पर सरकार की पैनी नजर है. इसे लेकर समय और जरूरत के हिसाब से कार्य योजना में बदलाव भी किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर मुख्यमंत्री सेल का गठन किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इस बात पर अपने सुझाव दें क्योंकि सभी के सामूहिक प्रयास और सहभागिता से ही कोरोना से जंग लड़ी जा सकती है. आपके सुझाव के आधार पर सरकार आगे की रणनीति तैयार करेगी.
योजनाओं का लाभ तत्काल मिले
मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रधानों से कहा कि सरकार द्वारा संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लाभुकों को हर हाल में मिलना चाहिए. इसमें किसी तरह की कोताही अथवा विलंब नहीं हो. उन्होंने दिव्यांगों दी जाने वाली पेंशन तत्काल जारी करने का निर्देश दिया. इसके साथ केंद्र सरकार की योजनाओं का कैसे ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल हो, इसे लेकर प्राथमिकताएं भी तय करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण और संक्रमण से अलग हटकर योजनाओं को तैयार करने तथा उसके क्रियान्वयन को लेकर भी तेजी के साथ कदम उठाने की जरूरत है.
क्वारेंटाइन सेंटर बनाने की कवायद शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज के जन प्रतिनिधियों ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर पंचायतों में क्वारेंटाइन सेंटर को फिर से शुरू करने का सुझाव दिया था. इसे क्रियान्वित करने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है. उन्होंने क्वारेंटाइन सेंटर में रहने वालों के लिए भोजन की व्यवस्था करने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को पूरी तैयारी समय पर कर लेने का निर्देश दिया.
चिकित्सा सहायता योजना को पुनरीक्षित करें
मुख्यमंत्री ने विभागीय प्रधानों से कहा कि राज्य सरकार की चिकित्सा सहायता योजना को कोविड-19 के हिसाब से पुनरीक्षित करें, ताकि कोरोना संक्रमितों को भी इस योजना का लाभ मिल सके. मालूम हो कि इस योजना के तहत कोरोना महामारी फिलहाल दायरे में नहीं आती है. कोविड से जिनकी मौत हुई है, उनके आश्रित को परिवार लाभ योजना से जोड़े जाने की योजना सरकार तैयार कर रही है. इसके तहत उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से पेंशन, आवास अथवा अन्य सुविधाएं सरकार द्वारा मुहैया कराई जा सके.
योजनाओं को लेकर मुख्य सचिव ने दिए अहम निर्देश
इस बैठक में मुख्य सचिव ने कोरोना संक्रमण को लेकर विभागीय सचिवों को कई अहम निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए योजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वैसी योजनाएं जो स्वीकृत हैं लेकिन अलॉटमेंट नहीं हुआ है उसे 15 मई तक अलॉटमेंट जारी कर दिया जाए. वहीं, जो योजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं लेकिन कार्रवाई नहीं हुई है, उसका टेंडर फ्लो मई माह के अंत तक पूरा कर लिया जाए. इसके अलावा जो योजनाएं स्वीकृत होनी है और उसका डीपीआर तैयार है. उसे इस माह तक मंत्रिमंडल की स्वीकृति में ले ली जाए. इसके अलावा जिन योजनाओं का डीपीआर बनाया जाना है, उसकी कार्रवाई भी इस माह तक पूरी कर ली जाए.
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विभागों को ब्लू प्रिंट से कराया अवगत