आजादी के 7 दशक बाद भी गुमला के इस गांव में नहीं पहुंची सड़क, लोगों ने श्रमदान कर बनाया रास्ता
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आजादी के 7 दशक बाद भी गुमला के इस गांव में नहीं पहुंची सड़क, लोगों ने श्रमदान कर बनाया रास्ता

Gumla News:  दो दशक पूर्व आदर्श ग्राम का मुखौटा पहनाने वाले नावाडीह पंचायत के बेलागांव गांव की कुल आबादी करीब तीन सौ है लेकिन इस गांव में पहुंचने के लिए ढंग की सड़क तक नहीं है. 

लोगों ने श्रमदान कर बनाया रास्ता (सांकेतिक फोटो)

Gumla: प्रकृति सौंदर्य से हरा-भरा झारखंड का गुमला जिला आज भी विकास से मीलों दूर है. गुमला जिला मुख्यालय से केवल 4 किलोमीटर दूरी पर स्थित नावाडीह पंचायत में बेलागांव गांव वर्षों से विकास की बाट जोह रहा है. दो दशक पूर्व आदर्श ग्राम का मुखौटा पहनाने वाले इस गांव की कुल आबादी करीब तीन सौ है लेकिन इस गांव में पहुंचने के लिए ढंग की सड़क तक नहीं है. 

जानकारी के अनुसार, इस गांव में 30 से 35 बढ़ई जाकि व एक ईसाई समेत लोहरा जाति से ताल्लुक रखने वाले कई परिवार रहते हैं. डुमरी प्रखंड के बेलगांव ग्राम के ग्रामीणों का आजादी के 70 साल बीतने के बाद भी गांव में सड़क नहीं होने के कारण अब प्रशासन व सरकार से भरोसा उठ गया है. 

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यही वजह है कि इस गांव के लोगों ने सरकार पर भरोसा ना कर खुद से ही श्रमदान कर सड़क बना डाली है. इस गांव के महिला व पुरुषों ने आपसी सहयोग से लगभग एक किलोमीटर सड़क का निर्माण मिट्टी भरकर कर दिया है. 

ग्रामीणों ने बताया कि प्रखंड मुख्यालय से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी एवं डुमरी मुख्य पथ से डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी होने पर भी आज तक बेलगांव ग्राम जाने हेतु कोई सड़क नहीं है. ऐसे में गांव के लोगों का कहना है कि कई बार प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी जब सड़क नहीं बना तो गांव वालों ने खुद ही सड़क तैयार कर दी. 

ग्रामीणों ने खुद ही श्रमदान कर अपने खेतों में मिट्टी भरकर सड़क बनाने का काम किया. वहीं, इस बात की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे उप प्रमुख मो. अख्तर अली से ग्रामीणों ने मनरेगा योजना के तहत मोरम भरकर उक्त सड़क के निर्माण कराने की अपील की है. उप प्रमुख ने मनरेगा के पदाधिकारियों से वार्ता कर उक्त सड़क के निर्माण कराने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया है. 

(इनपुट- रणधीर निधि)

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