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Ranchi: स्टार इंडिया के हरफनमौला खिलाड़ी हार्दिक पांड्या नॉन-स्ट्राइकर रन आउट से सहमत हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि खेल भावना की कोई जरूरत नहीं है. इस मार्च की शुरुआत में एमसीसी ने कानून 41 (जो अनुचित खेल से संबंधित है) और कानून 38 (जो रन-आउट) में इससे संबंधित कानूनों में अपडेट किया. 1 अक्टूबर के बाद से इस प्रकार की बर्खास्तगी अब नियमों के 'अनुचित खेल' खंड में नहीं आती.
इस नियम पर लगातार हो रही है बहस
हालांकि, क्रिकेट जगत अभी भी इस बात पर बहस कर रहा है कि क्या इस तरह की बर्खास्तगी 'खेल की भावना' के खिलाफ है. हार्दिक ने आईसीसी रिव्यू पॉडकास्ट में कहा, "हमें खेल भावन की कोई जरूरत नहीं है. यह एक नियम है और नियम के अनुसार आउट किया जा सकता है. अगर खेल भावना को देखना है तो इस नियम को हटा दो, खिलाड़ी आउट नहीं होंगे."
उन्होंने आगे कहा, "व्यक्तिगत रूप से मुझे कोई समस्या नहीं है. अगर मैं क्रीज से बाहर जा रहा हूं, और कोई मुझे रन आउट करते हैं, तो यह काफी उचित है. यह मेरी गलती है, गेंदबाज की नहीं." क्रिकेट की भावना और इस तरह की बर्खास्तगी की निष्पक्षता के बारे में बहस पिछले महीने फिर से शुरू हुई, जब दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड और भारत के बीच श्रृंखला के निर्णायक वनडे मैच में चार्ली डीन को लॉर्डस में आउट किया. इंग्लैंड नौ रन से हार गया था और उसे 39 गेंदों में 17 रन चाहिए थे, जब दीप्ति ने डीन को रन आउट कर दिया, जिससे भारत को 3-0 से क्लीन स्वीप की ऐतिहासिक जीत मिली थी.
(इनपुट आईएएनएस के साथ)