सूत्रों की मानें तो, ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल को भेजी है. लेकिन गवर्नर ने अभी तक चुनाव आयोग के फैसले के बारे में नहीं बताया है.
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रांची: Hemant Soren: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तमाम मसलों पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, ' झारखंड में यह माहौल हमारे द्वारा नहीं बनाया गया है, यह हमारे प्रतिद्वंद्वियों द्वारा बनाया गया है. क्या आपने कभी किसी अपराधी को सजा की मांग करते देखा है? अगर मैं अपराधी हूं तो मुझे सजा दो.'
हेमंत सोरेन ने कहा, 'आप चुनाव आयोग और राज्यपाल (अयोग्यता मुद्दा) का जिक्र कर रहे हैं. मैं कहना चाहता हूं कि यह भारत में पहली ऐसी घटना है जिसमें मुख्यमंत्री चुनाव आयोग और राज्यपाल के दरवाजे पर जाते हैं और हाथ जोड़कर पूछते हैं कि उनकी सजा क्या होनी चाहिए.'
'सरकार को कोई खतरा नहीं'
इस दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने साफतौर पर कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है, उसे किसी भी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. उन्होंने कहा, 'जहां तक राजनीतिक अस्थिरता (झारखंड में) का सवाल है, मुझे लगता है कि ऐसी कोई अस्थिरता नहीं है. सब कुछ सामान्य है. यह एक बिना मतलब का बनावटी बवंडर है.
हेमंत सोरेन ने क्यों दिया बयान?
दरअसल, मुख्यमंत्री यह बातें उस सील बंद लिफाफे के संदर्भ में कह रहे हैं जो चुनाव आयोग की तरफ से झारखंड के राज्यपाल को भेजी थी. सूत्रों की मानें तो इसमें आयोग ने लाभ के पद पर होने का आरोप लगाते हुए सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल रमेश बैस को भेजी है.
'विपक्ष की रोटी जल जाएगी'
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को लोग बेचैन आत्मा की तरह भटक रहे हैं. संवैधानिक संस्थाओं की आड़ में विपक्ष रोटी सेकना चाहता है लेकिन रोटी पकेगी नहीं बल्कि जल जाएगी.
बीजेपी के खिलाफ केंद्र में गठबंधन बनाने को लेकर हेमंत सोरेन ने कहा, ' राजनैतिक अखाड़े में कई सारी चर्चा होती रहती हैं, फिलहाल गठबंधन मजबूती के साथ है, जो चर्चा चल रही है उस प्रयास को मैच्योर होने दीजिए, समय आने पर स्पष्ट हो जाएगा.'
(इनपुट-कामरान जलीली)