खूंटी:Jharkhand Rain: एक ओर देश की राजधानी दिल्ली में बारिश समस्या बनकर आयी है तो वहीं दूसरी तरफ खूंटी के किसान बारिश के अभाव में खेती करने को लेकर चिंतित हैं. पूरा आषाढ़ और सावन के 15 दिन बीत जाने के बावजूद खेती योग्य बारिश नहीं होने से किसानों को अब धान रोपाई के लिए चिंता सताने लगी है. किसानों के खेत अब फटने लगा है. यानि खेत पानी अभाव को दर्शाने लगी है. कहीं जुताई करके छोड़ दिया गया है तो कहीं जुताई अब तक हुई ही नहीं है. खूंटी में धान की खेती किसानों के आय का प्रमुख स्रोत है. साथ ही धान के बिना जीवन अधूरा है. ऐसे में धान के फसल समय से तैयार नहीं होने से किसान उपज सही नहीं होने की बात कहने लगे हैं.


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हस्सा बांधटोली निवासी मंगा मुंडा ने बताया कि पानी ही नहीं हो रहा तो खेती कैसे करेंगे. बारिश नहीं होने से धान रोपाई नहीं हो रही है. धान रोपाई के लिए उसके योग्य खेत तैयार होना आवश्यक है. वहीं जीतनाथ मुण्डा ने बताया कि पानी की समस्या है इसलिए खेती नहीं हो पा रही है. बिचड़ा सब तो आधा अधूरा कर लिए हैं और आधा बाकी है. बारिश होगी तो रोपेंगे, नहीं तो छोड़ देंगे. यहां सिंचाई की सुविधा नहीं है इसलिए अच्छे से खेती नहीं कर पा रहे हैं. पेरका के जीतन तिड़ू ने बताया कि पानी नहीं होने से खेती नहीं हो पा रही है. धान का अभी बिचड़ा के लिए बीड़ा लगाए हैं. पर पानी नहीं होने से बिचड़ा तैयार नहीं हो पा रहा है और खेत सूख गया है. खेतों में दरार आने लगा है. बारिश होगी तो ही खेती भी हो पाएगी.


लेकिन अब खूंटी के पेरका हस्सा बांधटोली गांव सहित जिले भर के किसान खेती की कार्य गति स्थिर हो जाने और बारिश न होने की वजह से परेशानी में हैं. बारिश के अभाव के कारण खेती का कार्य ठीक ढंग से नहीं हो पा रहा है. बारिश होगी तो खेती कर पाएंगे. बारिश के अभाव में खेतों में किसान अधूरा काम करके खेत को ऐसे ही छोड़ दिए हैं. अब केवल बारिश का इंतजार है. अगर बारिश होगी तो खेती होगी और बारिश नहीं होने पर खेती भी नहीं हो पाएगी.


इनपुट- ब्रजेश कुमार


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