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Khunti: देश की आज़ादी में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना योगदान दिया है. देश की आजादी की लड़ाई में झारखंड के भी कई लोगों ने इसमें हिस्सा लिया है. इसी कड़ी में एक नाम है, खूंटी जिले के का. देश की आज़ादी की लड़ाई में हिस्सा लेने के बाद उनके गांव में बुनियादी सुविधा का अभाव है.
स्वतंत्रता सेनानी का पैतृक गांव है जोजोहातु
पूरे खूंटी जिले में एक ही स्वतंत्रता सेनानी का उल्लेख मिलता है, वो सिंगराय सिंह मानकी हैं. स्वतंत्रता सेनानी सिंगराय सिंह मानकी जनजातीय समाज से है. जिनका पैतृक गांव जोजोहातु है. सिंगराय सिंह मानकी का गांव आज भी विकास की बाट जोह रहा है. ये खूंटी प्रखंड के अन्तर्गत लगभग 500 आबादी वाला गांव है. इस गांव के लोगों के पास विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है.
बुनियादी सुविधा का अभाव
देश के आजाद होने के बाद से इस गांव में सड़क भी बनी, बिजली और पेयजल की भी व्यवस्था हुई. इसके साथ ही गांव में एक मध्य विद्यालय और एक आयुर्वेदिक औषधालय भी है. लेकिन बेहतर अस्पताल नहीं होने के चलते मरीजों को खाट पर लादकर जिला मुख्यालय खूंटी ले जाना पड़ता है. इस गांव में जनजातीय समाज के पढ़े लिखे लोग भी है लेकिन अभी भी इस गांव में रोजगार की बहुत कमी है. जिसके चलते आज भी इस गांव के लोग पलायन करने को मजबूर है. यहां के लोगों का जीविकोपार्जन का मुख्य धंधा कृषि है.
महिलाओं में है नाराजगी
इस गांव में महिलाएं भी बेरोजगार है. यहां की महिलाएं आज भी रोजगार की आस में है और इसी आस में महिला उत्थान के लिए महिलाएं महिला मंडल चला रही है, लेकिन इससे भी महिलाओं को कोई लाभ नहीं हो रहा.गांव में महिलाओं के विकास के लिए कोई भी योजना नहीं चलाई जा रही है, जिससे वो आत्मनिर्भर बन सकें.ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि गांव में बेरोज़गारी है,और न ही सरकार से उन्हें कोई सहायता मिल पा रही है. इस गांव की महिलाओं के लिए विकास एक सपना बनकर रह गया है.
गांव में नहीं है बेहतर सुविधा
लोगो का कहना है कि इस गांव में आजादी के बाद भी बेरोजगारी का हाल-बेहाल है. चाहे वो महिला उत्थान की बात हो या रोजगार, की बात हो. लोगों ने बताया कि सरकार से भी सुविधा ना मिल पाने के कारण आज भी ये गांव विकास कि बाट जोह रहा है. इस गांव के अलोमनी मानकी ने महिलाओं के दर्द को बताया कि कैसे उनलोगों को महिला मण्डल का सहारा लेने के बाद भी विकास नसीब नहीं हुआ. वहीं गांव के बीनन हस्सा पूर्ति ने बताया कि इस गांव में बिजली पानी और सड़क तो बना है लेकिन जोजोहातु में रोजगार के लिए सरकारी स्तर पर किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया जा रहा है.