Ramgarh News: लगातार मूसलाधार बारिश के बाद पतरातू डैम का पानी खतरे के निशान पर पहुंच गया है, जिसकी वजह से डैम के फाटक खोले हैं और अलर्ट जारी कर दिया गया है. वहीं रजरप्पा मंदिर परिसर में भैरवी नदी का पानी पहुंच गया है.
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Ramgarh: झारखंड में 3 दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर है और जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. रामगढ़ जिले में भी लगातार हो रही बारिश से पतरातू डैम का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान पर पहुंच गया है. हालात को देखते हुए रामगढ़ जिला प्रशासन ने पूरे जिले में हाई अलर्ट घोषित किया है. वहीं भैरवी और दामोदर नदी के उफान पर होने की वजह से सिद्धपीठ रजरप्पा छिन्नमस्तिके मंदिर परिसर में भैरवी नदी का पानी पहुंच गया है.
कई गांवों के लिए अलर्ट जारी
लगातार हो रही बारिश के वजह से नलकारी नदी से पतरातू डैम के लिंक होने से कारण डैम का जलस्तर 13000 आर एल के ऊपर पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान पर है. डैम का पानी पतरातू प्रखंड के रसदा, लबगा, बलकुदरा, जयनगर, सौंदाडीह और गिद्दी होते हुए दामोदर नदी में मिलता है, इसलिए इन सभी गांव के ग्रामीणों के लिए अलर्ट जारी किया गया है.
पतरातू डैम का फाटक खोला गया
पतरातू डैम का पानी खतरे के निशान पर पहुंचने के बाद डैम का फाटक खोल दिया गया है, इसे लेकर पीटीपीएस शेष परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ने जिला प्रशासन को सूचित करते हुए स्थानीय स्तर पर हाई अलर्ट घोषित किया है. पीटीपीएस के संपदा पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद के आदेश पर अनाउंसमेंट के जरिये दर्जनों गांव के ग्रामीणों को अलर्ट किया जा रहा है, ताकि नदी के किनारे रहने वाले लोग अपने मवेशियों के साथ सावधान होकर ऊपरी इलाके में चले जाएं.
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दामोदर-भैरवी नदी का जलस्तर बढ़ा
एक तरफ जिले के पतरातू से होकर गुजरने वाली नलकारी नदी तो दूसरी तरफ दामोदर एवं भैरवी नदियों में भी जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिसे लेकर रामगढ़ पुलिस प्रशासन के द्वारा भी नदियों के किनारे पर रहनेवाले लोगों को अलर्ट किया जा रहा है.
रजरप्पा मंदिर परिसर में पहुंचा पानी
भैरवी और दामोदर नदी के उफान पर होने की वजह से सिद्धपीठ रजरप्पा छिन्नमस्तिके मंदिर परिसर में भैरवी नदी का पानी पहुंच गया हैं, रजरप्पा मंदिर दो नदियों भैरवी और दामोदर के संगम पर स्थित है. दोनों नदियों का जलस्तर तांत्रिक घाट और मुंडन शाला तक बढ़ चुका है. जिससे वहां रहने वाले स्थानीय लोग और दुकानदार अपने सामान समेटकर वहां से कूच कर गए हैं.
(इनपुट: झूलन अग्रवाल)